नयी दिल्ली। एक ओर जहां पूरा भारत वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन के वापस आने पर जश्न में डूबा हुआ है, वहीं उनके करीबियों को छोड़ कर बहुत कम लोगों को पता है कि अभिनंदन ने पाकिस्तान में जाकर भी जिस तरह से अपनी बहादुरी और बुद्धिमत्ता का परिचय दिया, वह उन्हें उनकी मां से ही विरासत में मिला है।

अभिनंदन की मां डॉ शोभा वर्तमान मानवता की रक्षा में अपना जीवन बिताया है। उन्होंने विश्व के कई युद्धग्रस्त देशों जैसे लाइबेरिया, इराक, आइवरी कोस्ट, पापुआ न्यू गिनी और लाओस में अपनी सेवाएं दी हैं, लोगों का उपचार किया है। अपने बहादुर योद्धा बेटे अभिनंदन को जज्बा देने में उनकी मां डॉ शोभा ने अग्रणी भूमिका निभायी है। उन्होंने अतिसंवेदनशील और युद्धग्रस्त देशों में हजारों माताओं को डिलीवरी के बाद होने वाली परेशानियों से उबरने में भी मदद की है। डॉ शोभा ने दुनिया में हजारों बच्चों के चेहरे पर मुस्कान लाकर समाज सेवा की एक नयी परिभाषा गढ़ी है।

डॉ शोभा मद्रास मेडिकल कॉलेज से ग्रेजुएट हैं और एनेस्थिसियोलॉजी में रॉयल कॉलेज आफ सर्जंस आफ इंग्लैंड से पोस्ट ग्रेजुएशन किया है। डॉ शोभा विश्व स्तर पर मुफ्त में डॉक्टरी सेवाएं करने वाले स्वयंसेवकों में शामिल रही हैं। वह एमएसएफ यानी मेडिसिंस सैंस फ्रंटीयर्स की सदस्य थीं। इसका मतलब है वह डॉक्टर, जिनकी कोई सरहद नहीं। जहां जरूरत हो, वहां ये डॉक्टर पहुंचते हैं। एमएसएफ की सदस्य रहते हुए डॉ शोभा कुछ ऐसे देशों में गयीं, जहां सिर्फ एके-47 और हथियारों का राज था। 2005 में आइवरी कोस्ट में किये अपने काम को वह सबसे चुनौतीपूर्ण मानती हैं।

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