चारों दोषी रात भर सो नहीं सके। सुबह जब उन्हें खाने के लिए पूछा गया तो उन्होंने मना कर दिया। चारों को काले कपड़े दिए गए जो उन्होंने पहन लिए। जेल स्टाफ ने कहा जिस भी भगवान को आप मानते हो उसे अंतिम बार याद कर लो। इसके बाद जैसे ही पूजा खत्म हुई डॉक्टरों ने सभी की जांच की। चारों दोषियों को फांसी का ऑर्डर सुनाया गया और फिर कुछ देर अकेला छोड़ दिया गया।
फांसी पर लटकने से पहले माना जा रहा था कि लटकते समय ये तड़पेंगे या छटपटाएंगे लेकिन ऐसा हुआ नहीं। एक ही झटके में चारों के प्राण निकल गए। फांसी के 35 मिनट बाद तक इन शवों को लटकाकर रखा गया जो जेल मैनुएल के हिसाब से पांच मिनट ज्यादा था। इसके बाद सभी के शवों को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल ले जाया गया ।