आजाद सिपाही संवाददाता

रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से कृषि पशुपालन और सहकारिता मंत्री बादल ने मुख्यमंत्री आवास में शनिवार को मुलाकात की। कृषि मंत्री ने मुख्यमंत्री को लगभग 3700 लोगों की विस्तृत सूची सौंपी, जो लॉकडाउन की वजह से दूसरे प्रदेशों में फंसे हैं। इनमें से ज्यादातर लोग मजदूर हैं, अब तक इन लोगों को भोजन समेत अन्य जरूरी सामान नहीं पहुंच पा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन होने की वजह से इन्हें वापस लाने में काफी दिक्कतें हैं। उन्हें सभी जरूरी और मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सरकार उन राज्यों की सरकारों के साथ लगातार संपर्क में है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने इसके लिए वरीय अधिकारियों की जवाबदेही और जिम्मेदारी तय कर दी है। उन्हें निर्देश दिया गया है कि वे बाहर फंसे लोगों की मिली सूचनाओं पर उन्हें त्वरित रूप से राहत देने के लिए सभी जरूरी कदम उठायें।

मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री के बीच लॉकडाउन की वजह से राज्य के अंदर और दूसरे प्रदेशों में फंसे झारखंड के लोगों को हो रही परेशानियों पर भी चर्चा हुई। लोगों को कैसे और किस तरह राहत और उनकी मूलभूत जरूरतों को उपलब्ध कराया जाये, इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस दिशा में सभी आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। लोगों को लॉकडाउन की वजह से समस्या नहीं हो, इसका पूरा खयाल रखा जा रहा है और खुद इसकी मॉनिटरिंग भी कर रहा हूं।

कृषि मंत्री ने लॉकडाउन की वजह से राज्य में पशु चारा की घोर किल्लत से भी मुख्यमंत्री को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि पशु चारा नहीं होने से पशुओं की जान पर आफत आ गयी है। इस कारण पशु चारा की उपलब्धता सुनिश्चित करने को लेकर आवश्यक कदम उठाया जाये। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले को लेकर  बहुत जल्द अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक करेंगे।

मुख्यमंत्री ने कृषि मंत्री के इस विचार पर अपनी सहमति जतायी कि  वेज फेड के माध्यम से सरकारी दर पर और सब्जियों की बिक्री सुनिश्चित की जाये। मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री के बीच  दुग्ध उत्पादकों से दूध की खरीदारी की व्यवस्था पर भी विस्तृत चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि दुग्ध उत्पादकों को किसी तरह का नुकसान नहीं हो और ना ही दूध की बर्बादी हो, इस दिशा में सरकार गंभीर है।

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