कोरोना के कोप से कांप रहा कलेजा…
राजीव
रांची। एक तो कोरोना महामारी सुरसा की तरह मुंह फैलाये निगलने को तैयार है। वहीं दूसरी ओर इस विकट परिस्थिति में घर-परिवार का साथ भी नहीं मिल रहा है। बाबू, इस विपदा से बचने की खातिर आखिर क्या करें। हमलोग ठहरे गंवई आदमी। ज्यादा कुछ बुझाता नहीं है। हां, इतना जरूर पता है कि कोरोना जानलेवा है। कोरोना के कोप से कलेजा कांप रहा है। दिल बैठा जा रहा है। एक तरफ परिवार की चिंता तो दूसरी ओर खुद को भी अनजान शहर में जिंदा और सुरक्षित रखने का कड़ा इम्तिहान। राजधानी रांची के डोरंडा न्यू एजी मोड़ स्थित रैन बसेरा में शरण लिये मजदूर पप्पू ठाकुर एक सांस में ये सब बोल जाते हैं। यह अल्फाज भले ही पप्पू ठाकुर के थे, लेकिन उनके साथ राजस्थान से आये हुए सात लोग भी इसमें हामी भरते दिखाई पड़े। इसमें गोविंद साव, संतोष दास, मुन्ना कुमार समेत अन्य शामिल थे। दर्द बयां करते-करते इन मजदूरों की आंखें भी नम हो गयीं। इस विकट परिस्थिति में अपनों से दूरी का दर्द इनके चेहरे पर साफ झलक रहा था। ये लोग बेल्डिंग का काम करने बैंग्लोर गये हुए थे। कोरोना महामारी की सूचना के बाद भागे-भागे रांची के रास्ते बोकारो, गढ़वा, भागलपुर अपने घर जाने की जुगत में थे, लेकिन रविवार को जनता कर्फ्यू के बाद लॉकडाउन हो गया। इसके बाद से ये लोग रैन बसेरा में ठहरे हुए हैं। शुक्र है रांची की, जिसने इन मजदूरों की खोज-खबर ली और उनके रहने से खाने तक की समुचित व्यवस्था की। रैन बसेरा के संचालक समेत अन्य पूरा खयाल रख रहे हैं। ये लोग निकलना तो चाह रहे हैं, लेकिन पुलिस आवागमन ठप होने के कारण कोई रास्ता नहीं सूझ रहा है।

गरीब सुरक्षा सेवा मंच ने गरीबों को कराया भोजन
रांची। कोरोना को लेकर लॉक डाउन के मद्देनजर गरीब सुरक्षा सेवा मंच ने गरीबों के बीच भोजन- पानी का वितरण किया। मंच के प्रदेश अध्यक्ष राधे सिन्हा ने कहा कि कोरोना के वजह से हो रही है गरीबों को परेशानी झेलना पड़ रहा है। रोज कमाकर अपना पेट भरने वाले लोगों के समक्ष भुखमरी की स्थिति आ गयी है। राधे सिन्हा ने लोगों से आग्रह किया है कि यादि उन्हें अपने आस- पास ऐसा कोई जरूरतमंद गरीब परिवार दिखाई दे तो मानवता के नाते मदद अवश्य करें। यदि किसी कारण उनकी सहायता आप नहीं कर पा रहे हैं तो गरीब सुरक्षा सेवा मंच से संपर्क करें। मौके पर प्रदीप सिंह, अमित सोनी, सूरज कुमार, विशाल कुमार, रवि अग्रवाल उपस्थित थे।

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