पटना। लैंड फॉर जॉब मामले में लालू यादव और उनका पूरा परिवार फंसता जा रहा है। ईडी ने शुक्रवार को लालू परिवार के 24 ठिकानों पर हुई छापेमारी के बाद शनिवार को बताया है कि इसमें 600 करोड़ की हेराफेरी का खुलासा हुआ है। ईडी ने दावा किया है कि तेजस्वी प्रसाद यादव के खिलाफ कई ठोस सबूत मिले हैं।

ईडी ने ट्वीट कर बताया है कि विशेष खुफिया इनपुट के आधार पर छापेमारी की गयी थी। जमीन लेकर नौकरी देने के मामले में दिल्ली एनसीआर, पटना, मुंबई और रांची में 24 जगहों पर छापा मारा गया था। ईडी ने बताया है कि छापेमारी में लगभग 600 करोड़ रुपये की संपत्ति गलत तरीके से अर्जित की गयी है। इनमें से 350 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति है। बेनामी लोगों के नाम पर 250 करोड़ रुपये के लेन-देन किए गए हैं। साथ ही एक करोड़ रुपये की बिना हिसाब-किताब की नकदी, 1900 अमेरिकी डॉलर सहित दूसरी विदेशी मुद्रा, 540 ग्राम सोने की ईंट और डेढ़ किलोग्राम से ज्यादा सोने के आभूषण बरामद किये गये हैं।

सोना के आभूषण की कीमत लगभग सवा करोड़ रुपये है। साथ ही कई संपत्तियों के दस्तावेज, बिक्री किये गये संपत्ति के कागजात और दूसरे आपत्तिजनक दस्तावेजों की बरामदगी हुई है। ईडी के मुताबिक, लालू परिवार ने अपने और बेनामी लोगों के नाम पर बड़े पैमाने पर जमीन और दूसरे सामान की खरीद की है। इन सभी के दस्तावेज मिले हैं।

ईडी ने बताया कि अब तक की गई पीएमएलए जांच से पता चला है कि पटना और इसके आसपास अवैध रूप से लालू परिवार ने जमीनों का अधिग्रहण किया है। ये जमीनें लालू के परिवार ने रेलवे में नौकरी देने के नाम पर ली हैं। जमीन का इस समय रेट 200 करोड़ रुपये है। जमीन देने और लेने वालों की पहचान कर ली गई है। ईडी ने इन जमीनों की रजिस्ट्री के लिए खड़े किये गये कई बेनामी लोगों, फर्जी संस्थाओं और दूसरे लोगों की पहचान की है।

ईडी ने बताया है कि उसके द्वारा की गयी जांच में पता चला है कि दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी के डी-1088 नंबर का मकान, मैसर्स एबी एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर रजिस्टर्ड है। ये चार मंजिला कोठी है जो तेजस्वी प्रसाद यादव और उनके परिवार के स्वामित्व वाली और नियंत्रित कंपनी एबी एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड का है। 150 करोड़ के मूल्य वाले इस बंगले को तेजस्वी यादव और उनके परिवार को कागज पर मात्र चार लाख रुपये के मूल्य पर बेच दिया गया है। इस संपत्ति को खरीदने में बड़ी मात्रा में नगदी और अपराध की आय का उपयोग किया गया है। इसके लिए आभूषण क्षेत्र में काम करने वाली मुंबई की कुछ संस्थाओं का उपयोग किया। उनके जरिये बड़े पैमाने पर अवैध संपत्ति की हेरा-फेरी की गयी।

ईडी ने खास तौर पर कहा है कि तलाशी लेते समय, सभी कानूनी औपचारिकताओं का पूरी तरह से पालन किया गया और तलाशी परिसर में मौजूद महिलाओं, बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों के साथ उचित शिष्टाचार का व्यवहार किया गया।

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