जंगली हाथियों के लिए अलग कॉरिडोर बनाने को लेकर कार्य स्थगन का प्रस्ताव लाया

रांची। गोमिया विधायक डॉ. लंबोदर महतो ने त्रुटियों का निराकरण करते हुए लोहार, लोहरा, कमार, करमाली एवं बड़ाईक व चिक बड़ाईक को अनुसूचित जनजाति जाति का प्रमाण पत्र निर्गत करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह समस्या पूरे राज्यभर की है। साथ ही उन्होंने जंगली हाथियों के लिए अलग कॉरिडोर बनाने के लिए कार्य स्थगन का प्रस्ताव भी लाया।

महतो ने झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के शून्यकाल में बुधवार को कहा कि पूरे राज्य में लोहार, लोहरा, कमार, करमाली, बडाईक व चिक बड़ाईक आदि कई जातियां एक ही समाज एवं एक ही परिवार का होने के बावजूद राजस्व दस्तावेज में अलग-अलग शब्द लोहार, लोहरा, कमार, करमाली, बड़ाईक व चिक बड़ाईक आदि दर्ज होने के कारण किसी को पिछड़ी जाति तो किसी को अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र निर्गत किया जाता है। इसलिए यह त्रुटि का निराकरण किया जाना आवश्यक है।

उन्होंने अपने कार्य स्थगन प्रस्ताव में कहा कि राज्य में जंगली हाथियों का आतंक बढ़ा हुआ है। आए दिन दर्जनों की संख्या में जंगली हाथी जंगलों से गांवों में आकर जान माल एवं फसलों की क्षति पहुंचा रहे हैं। अब तक हजारों लोगों की जान जा चुकी है और लाखों रुपयों की फसलों की क्षति हो चुकी है। वन विभाग के पदाधिकारी जंगली हाथियों को भगाने में उदासीन बने हुए हैं और जान-माल में फसलों की क्षति का मुआवजा भुगतान करने में लापरवाही बरत रहे हैं। इसके लिए अलग अलग कॉरिडोर बनाना उचित होगा।

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