रांची। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने झारखंड सरकार पर धार्मिक स्थलों की सुरक्षा में भेदभाव करने का आरोप लगाया है। मरांडी ने सोशल मीडिया एक्स पर सोमवार को लिखा है कि राज्य में आदिवासियों के सरना स्थल, मसना स्थल, हड़गड़ी और जाहरथान जैसे धार्मिक स्थलों पर लगातार अतिक्रमण और हमले हो रहे हैं। लेकिन सरकार ने कभी भी इनकी सुरक्षा के लिए कोई कदम नहीं उठाया।

मरांडी ने कहा कि अब सिमडेगा में चर्च की सुरक्षा के लिए प्रशासनिक अधिकारी ईसाई धर्मगुरुओं के साथ बैठक कर रहे हैं, जो एकतरफा कार्रवाई है। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर चर्च को ही विशेष सुरक्षा की जरूरत क्यों महसूस की जा रही है। क्या यह मतांतरण कराने वाले गिरोहों को सुरक्षा देने की तैयारी है।

सिमडेगा में लगभग 51 प्रतिशत आबादी का ईसाई धर्म में मतांतरण हो चुका है, जिसे लेकर लोगों में संदेह है। मरांडी ने कहा कि मतांतरण कराने वाले गिरोह ‘चंगाई सभा’ के नाम पर भोले-भाले आदिवासियों को धर्मांतरण करा रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की है कि अगर सुरक्षा व्यवस्था करनी ही है, तो सिर्फ चर्च के लिए क्यों। सरना, मसना, हड़गड़ी स्थल, जाहेरथान, मांझी थान, मंदिर, मस्जिद और गुरुद्वारों की सुरक्षा की चिंता क्यों नहीं है।

उन्होंने कहा कि सिमडेगा में होने वाली बैठक का मूल एजेंडा सार्वजनिक किया जाए या फिर सभी धर्म-समाज के प्रतिनिधियों को आमंत्रित कर उन सबके धर्मस्थलों की सुरक्षा पर चर्चा की जाए। उल्लेखनीय है कि सिमडेगा जिले के उपायुक्त कार्यालय के गोपनीय शाखा से एक पत्र जारी किया गया है। इस बैठक में चर्चों में सुरक्षा व्यवस्था एवं आवश्यक प्रशासनिक सहयोग पर चर्चा किया जाना है। यह बैठक 15 अक्टूबर को समाहरणालय स्थित सभा कक्ष में 11 बजे से बुलाया गया है।

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