वाशिंगटन। भारतीय मूल के रिचर्ड वर्मा को अमेरिकी विदेश विभाग के मुख्य अधिशासी अधिकारी (सीईओ) जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है। 54 साल के रिचर्ड भारत में अमेरिका के राजदूत भी रह चुके हैं।

अमेरिकी सीनेट ने वर्मा को विदेश मंत्रालय में बड़ा दायित्व सौंपा है। रिचर्ड को अमेरिकी सीनेट ने विदेश विभाग में प्रबंधन व संसाधन मामलों का उपसचिव बनाया है। अमेरिकी सरकार के इस शक्तिशाली दायित्व को विदेश विभाग का सीईओ भी कहा जाता है। अमेरिकी सीनेट में रिचर्ड के चयन पर हुए मतदान में 67 सदस्यों ने उनके पक्ष में और 26 ने विरोध में मतदान किया। अंतत: 67-26 मतों रिचर्ड की नियुक्ति का पथ प्रशस्त हुआ।

रिचर्ड 16 जनवरी, 2015 से 20 जनवरी, 2017 तक भारत में अमेरिका के राजदूत के रूप में काम कर चुके हैं। वे इस समय मास्टरकार्ड में मुख्य कानूनी अधिकारी और वैश्विक सार्वजनिक नीति के प्रमुख हैं। पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल में वर्मा ने विधायी मामलों के राज्य के सहायक सचिव के रूप में कार्य किया।

रिचर्ड वर्मा अमेरिका के सीनेटर हैरी रीड के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार भी रहे हैं। इसके अलावा वह डेमोक्रेटिक पार्टी के व्हिप, अल्पसंख्यक नेता और अमेरिकी सीनेट के तत्कालीन बहुमत के नेता रह चुके हैं। उन्होंने द एशिया ग्रुप के वाइस चेयरमैन, स्टेप्टो ऐंड जॉनसन एलएलपी में पार्टनर और सीनियर काउंसलर और अलब्राइट स्टोनब्रिज ग्रुप में सीनियर काउंसलर के रूप में भी काम किया है। उन्होंने अमेरिकी वायुसेना के जज एडवोकेट के रूप में सक्रिय ड्यूटी पर भी काम किया है। वर्मा को राष्ट्रपति के खुफिया सलाहकार बोर्ड में नियुक्त किया गया था और वे सामूहिक विनाश और आतंकवाद आयोग के हथियारों के पूर्व सदस्य हैं।

Share.

Comments are closed.

Exit mobile version