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    Home»Jharkhand Top News»आर्सेलर मित्तल की सारंडा में खनन पट्टा के लिए दायर याचिका खारिज
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    आर्सेलर मित्तल की सारंडा में खनन पट्टा के लिए दायर याचिका खारिज

    adminBy adminMarch 2, 2024Updated:March 2, 2024No Comments2 Mins Read
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    रांची। दिल्ली हाइकोर्ट ने झारखंड के सारंडा वन में खनन पट्टे के लिए दायर आर्सेलर मित्तल इंडिया की याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि आर्सेलर मित्तल को मई 2022 में वन मंजूरी देने से भी मदद नहीं मिलेगी, क्योंकि यह 2015 के तहत खनन पट्टा देने की नीलामी प्रणाली में छूट का लाभ उठाने के लिए 11 जनवरी 2017 की कट ऑफ तारीख के बाद थी। दिल्ली हाइकोर्ट ने हाल ही में आर्सेलर मित्तल इंडिया द्वारा झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम में सारंडा जंगल आरक्षित वन में 500 एकड़ में लौह अयस्क और मैंगनीज अयस्क खनन शुरू करने के लिए खनन पट्टा देने से इनकार को चुनौती देनेवाली याचिका खारिज कर दी।
    खनन के किसी भी अधिकार का दावा नहीं
    दिल्ली हाइकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जस्टिस मनमोहन और न्यायमूर्ति मिनी पुष्करणा की पीठ ने कहा कि आर्सेलर मित्तल इंडिया केवल 2008 में अपने पक्ष में जारी किये गये आशय पत्र के आधार पर खनन के किसी भी अधिकार का दावा नहीं कर सकता है, जब उसे समय के भीतर अनिवार्य पर्यावरण और वन मंजूरी नहीं दी गयी थी। हाइकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि केवल केंद्र सरकार और झारखंड सरकार द्वारा वन या पर्यावरण मंजूरी आवेदनों को संशोधित करने में कथित देरी के कारण स्टील दिग्गज को कोई अधिकार नहीं मिलेगा। आर्सेलर मित्तल ने खनन पट्टे के लिए वर्ष 2007 में आवेदन किया था और 2015 के संशोधन अधिनियम से पहले आशय पत्र 2008 में दिया गया था, लेकिन उसे 11 जनवरी 2017 की कट आॅफ तारीख तक वन या पर्यावरण मंजूरी नहीं दी गयी थी।

     

    Ranchi
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