बेटियों ने मारी बाजी, खिलखिला उठे चेहरे
रांची। रांची विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शुक्रवार को मोरहाबादी परिसर स्थित दीक्षांत मंडप में 4043 को उपाधि दी गयी। साथ ही 76 विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल मिला। इनमें 40 छात्राएं और 21 छात्र शामिल रहे। उपाधि और गोल्ड मेडल पाकर विद्यार्थियों के चेहरे खिलखिला उठे। समारोह में मुख्य अतिथि राज्यपाल सह कुलाधिपति सीपी राधाकृष्णन और केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा मौजूद रहे। इन्होंने पारंपरिक परिधान में उपस्थित छात्र-छात्राओं को गोल्ड मेडल और उपाधि प्रदान की।
युवाओं को सशक्त बनाने में यूनिवर्सिटी का बड़ा रोल: राज्यपाल
राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने कहा कि भारत के युवा अपने ज्ञान के बल पर विश्वभर में हर जगह अपना स्थान बनाए हुए हैं और पूरा विश्वास है कि रांची विश्वविद्यालय के युवा अपने माता-पिता, झारखंड और देश का नाम रोशन करेंगे। आप अपनी उपलब्धियों से संतुष्ट होने के बजाये आगे निरंतर बड़े लक्ष्यों को तय कर उसके लिए प्रयासरत रहें, तभी हम 2027 में विकसित भारत का सपना पूरा करेंगे। इस दौरान उन्होंने विद्यार्थियों को जीवन में सफलता का मंत्र दिया। राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय युवाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करके उन्हें सशक्त करने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाता है। राज्यपाल ने कहा कि रांची विश्वविद्यालय का गौरवशाली और समृद्ध इतिहास रहा है। इसने अतीत में कई विद्वानों को जन्म दिया है।
हमें बनाना है विकसित भारत: अर्जुन मुंडा
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि दीक्षांत समारोह का मूल उद्देश्य हमें अपनी बौद्धिक क्षमता से विश्व को परिचित कराना है। 2047 में हमें विकसित भारत बनाना है। हमें अभी से ही भविष्य की जरूरतों के लिए प्लान कर काम करने की आवयश्यकता है। झारखंड में सीबीएसइ 740 प्लस टू विद्यालय खोले जायेंगे। उन्होंने कहा कि रांची विश्वविद्यालय झारखंड में शिक्षा, जनजातीय भाषा से लेकर प्रत्येक क्षेत्र में बहुत अच्छा काम कर रहा है। कई बार झारखंड के इस सबसे पुराने विश्वविद्यालय का नाम बदलने का प्रस्ताव आया, पर मैंने मना कर दिया क्योंकि रांची और रांची विश्वविद्यालय का अपना एक अलग ही स्पंदन है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने वाला पहला विश्वविद्यालय: कुलपति
रांची विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो डॉ अजीत कुमार सिन्हा ने कहा कि विद्यार्थी और शिक्षक विद्या प्राप्ति कर अपनी बुद्धि को तीक्ष्ण बनाते हुए समर्थ बनेंगे। रांची विश्वविद्यालय शैक्षणिक और सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए प्रतिबद्ध है। रांची, खूंटी, सिमडेगा, गुमला, लोहरदगा जिलों में उच्च शिक्षा के दायित्वों को रांची विश्वविद्यालय पूरा कर रहा है। रांची विश्वविद्यालय झारखंड का पहला विश्वविद्यालय है जिसने नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू किया है। छात्रों की सुविधा के लिए कई सारे कॉमन सर्विस सेंटर खोले गये हैं।

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