रांची। राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने कहा कि विश्वविद्यालय युवाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करके उन्हें सशक्त करने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाता है। मानव सभ्यताओं की प्रगति इस धारणा की पुष्टि करती है कि किसी भी राष्ट्र की उन्नति उसकी शिक्षित आबादी की क्षमता पर निर्भर करती है। राज्यपाल शुक्रवार को रांची विश्वविद्यालय के 37वें दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य मुख्य अतिथि छात्रों को संबोधित कर रहे थे। दीक्षांत समारोह में कुल 4043 छात्रों को उपाधि दी गयी।

राधाकृष्णन ने कहा कि एक राष्ट्र के रूप में, भारत विश्व में सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों, दार्शनिकों, खगोलशास्त्रियों, गणितज्ञों, वैज्ञानिकों, भाषाविदों के लिए जाना जाता है, जिन्होंने प्राचीन काल से ही जीवन के सभी क्षेत्रों में मानवता के उत्थान में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। पूरा विश्व आज भारत को एक ऐसे राष्ट्र के रूप में देख रहा है, जिसमें मानव जाति की जीवन शैली को समृद्ध करने की जबरदस्त क्षमता है। उन्होंने कहा कि दुनिया को योग की अहमियत पता है। भारत का यह अमूल्य उपहार संपूर्ण विश्व को है।

राज्यपाल ने कहा कि रांची विश्वविद्यालय का गौरवशाली और समृद्ध इतिहास रहा है। इसने अतीत में कई विद्वानों को जन्म दिया है। मुझे आशा है कि विश्वविद्यालय अपने विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा अनवरत प्रदान करता रहेगा। डिग्री प्राप्त करने वाले विद्यार्थी हमेशा हमारी समृद्ध बौद्धिक परंपरा से प्रेरणा लेते रहेंगे।

विशिष्ट अतिथि केंद्रीय कृषि और जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि दीक्षांत समारोह का मूल उद्देश्य हमें अपनी बौद्धिक क्षमता से विश्व को परिचीत कराना भी है। हमें विकसित भारत बनाना है। हमें अभी से ही भविष्य की जरूरतों के लिये प्लान कर काम करने की आवश्यकता है। झारखंड में सीबीएसई 740 प्लस टू विद्यालय खोले जायेंगे।

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