रांची। झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने गठबंधन की राज्य सरकार द्वारा गुरुवार को कैबिनेट में लिये गये फैसलों का स्वागत किया है। बंधु तिर्की शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस कर झारखंड विश्वविद्यालय सेवा आयोग के गठन और उर्दू शिक्षकों की नियुक्ति के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय सराहनीय है और इससे राज्य के विश्वविद्यालयों में रिक्त पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया में तेजी आयेगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान में विश्वविद्यालयों में बड़ी संख्या में असिस्टेंट प्रोफेसर और अन्य कर्मचारियों के पद रिक्त हैं। आयोग के गठन से इन रिक्तियों को भरने में पारदर्शिता आयेगी और राज्य के नेट और पीएचडी धारकों, विशेषकर आदिवासी और मूलवासी युवाओं को नौकरी का अवसर मिलेगा। उन्होंने यह भी बताया कि 11 दिसंबर 2024 को उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर विश्वविद्यालय सेवा आयोग के गठन की मांग की थी।

इस पत्र में उन्होंने  सर्वोच्च न्यायालय के नवीनतम निर्णय का हवाला देते हुए यह सुझाव दिया था कि झारखंड विश्वविद्यालय सेवा नियमावली में संशोधन कर राज्य सरकार को किसी भी विश्वविद्यालय में कुलपति नियुक्त करने का अधिकार दिया जाये। बंधु तिर्की ने कहा कि राज्य के विश्वविद्यालयों में केवल झारखंडवासी शिक्षाविदों को ही कुलपति नियुक्त किया जाये, चाहे वे देश के किसी भी विश्वविद्यालय में कार्यरत हों। उन्होंने कहा कि इससे झारखंड की उच्च शिक्षा को स्थानीय नेतृत्व और दिशा मिलेगी। इस संदर्भ में उन्होंने 9 जून 2025 को राज्यपाल को भी पत्र के माध्यम से सुझाव भेजा था। राज्यपाल के अधिकारों में कटौती के सवाल पर बंधु तिर्की ने कहा कि यह जरुरी था, आरएसएस के लोग लगभग सभी विवि में कब्जा किये हुये है। इस मौके पर अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य डॉ एम तौसीफ और वरिष्ठ कांग्रेस नेता निरंजन पासवान भी मौजूद थे।

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