रांची। दो सीटों पर 21 मार्च को राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने का सोमवार को आखिरी दिन रहा। एनडीए प्रत्याशी प्रदीप वर्मा ने विधानसभा पहुंचकर अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। इस दौरान उनके साथ नेता प्रतिपक्ष अमर बावरी, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, आजसू पार्टी के विधायक लंबोदर महतो, एनसीपी विधायक कमलेश सिंह, सीपी सिंह मौजूद रहे। वहीं महागठबंधन की ओर से झारखंड मुक्ति मोर्चा के पूर्व विधायक सरफराज अहमद ने अपना नामांकन पत्र भरा। नामांकन में मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन, राजद के मंत्री सत्यानंद भोक्ता, कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर, आलमगीर आलम और माले विधायक विनोद सिंह शामिल हुए। 13 मार्च को स्क्रूटनी होगी। वहीं 14 मार्च दोपहर तीन बजे तक उम्मीदवार अपना नाम वापस ले सकते हैं।
झारखंड की सेवा का मौका: प्रदीप
नामांकन दाखिल करने के बाद प्रदीप वर्मा ने भाजपा आलाकमान और वहां पर मौजूद तमाम भाजपा के विधायकों शुक्रिया अदा किया। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह मोदी का काल है। यहां कोई गड़बड़ी नहीं होगी। कहा कि भाजपा के एक छोटे से कार्यकर्ता को पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राज्यसभा चुनाव में प्रत्याशी बनाया, इसके लिए वे उनका आभार व्यक्त करते है। जिस तरह से एक मां अपने संतान का ख्याल रखती है, वैसे ही पार्टी भी कार्यकर्ताओं का ख्याल रखती है। मौके पर प्रदीप वर्मा ने खुद को मूल रूप से झारखंड का निवासी बताया। बताया कि उनके पूर्वज लातेहार के बरवाडीह के रहनेवाले हैं। उनके दादा बाद में अंबिकापुर चले गये थे। इसके बाद वे यूपी चले गये थे। प्रदीप के मुताबिकए उनकी तीन पीढ़ी यूपी में जरूर रही है पर वे मूल रूप से यहीं के रहने वाले हैं।
डॉ सरफराज झामुमो के टिकट पर जायेंगे राज्यसभा
डॉ सरफराज अहमद की बात करें तो वह झारखंड मुक्ति मोर्चा के कद्दावर नेताओं में शुमार हैं। 1980 में वे पहली बार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतकर विधायक बने थे। बिहार से झारखंड अलग होने के बाद 2009 से लेकर 2014 तक वह गांडेय सीट से कांग्रेस के विधायक रहे। लेकिन 2019 विधानसभा चुनाव से ठीक पहले वे जेएमएम में शामिल हुए और गांडेय से चुनाव जीतकर विधायक बने। हालांकि विधायक पद से उन्होंने इस्तीफा दे दिया।