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    Home»देश»इतिहास के पन्नों में 14 मार्चः ‘आलम आरा’ ने दी भारतीय सिनेमा को ‘आवाज’
    देश

    इतिहास के पन्नों में 14 मार्चः ‘आलम आरा’ ने दी भारतीय सिनेमा को ‘आवाज’

    SUNIL SINGHBy SUNIL SINGHMarch 13, 2024No Comments2 Mins Read
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    देश-दुनिया के इतिहास में 14 मार्च की तारीख तमाम अहम वजह से दर्ज है। यह तारीख भारतीय सिनेमा में बड़े परिवर्तन की गवाह है। ठीक 93 साल पहले भारतीय सिनेमा की पहली सवाक (बोलती) फिल्म ‘आलम आरा’ रिलीज हुई थी। इस फिल्म का पहला शो मुंबई के मैजेस्टिक सिनेमा में 14 मार्च 1931 को दिखाया गया। शो तीन बजे शुरू होना था, लेकिन लोग सुबह नौ बजे ही सिनेमा हॉल के बाहर जमा हो गए थे। भीड़ को बेकाबू होता देख पुलिस बुलानी पड़ी। दर्शकों पर लाठीचार्ज भी हुआ। इस फिल्म की दीवानगी का आलम ये था कि इसके टिकट लोगों ने ब्लैक में 50-50 रुपये में खरीदे, जो उस जमाने में काफी बड़ी रकम हुआ करती थी।

    यह फिल्म एक राजकुमार और एक बंजारन लड़की की प्रेमकथा थी। आलम आरा जोसफ डेविड के लिखे एक पारसी नाटक पर आधारित थी। अर्देशिर ईरानी के निर्देशन में बनी इस फिल्म में मास्टर विट्ठल, जुबैदा, जिल्लो, सुशीला और पृथ्वीराज कपूर ने भूमिका निभाई थी। इस फिल्म में सात गाने थे। इसी फिल्म का ‘दे दे खुदा के नाम पे’ को भारतीय सिनेमा का पहला सॉन्ग माना जाता है। इसे वजीर मोहम्मद खान ने गाया था। 124 मिनट की इस फिल्म को इम्पीरियल मूवीटोन नाम की प्रोडक्शन कंपनी ने प्रोड्यूस किया था। दुर्भाग्य से अब इस फिल्म का एक भी प्रिंट नहीं बचा है। इसलिए आप इस फिल्म को नहीं देख सकते।

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