जयपुर। राज्य सरकार की ओर से नागरिकता संशोधन अधिनियम यानि सीएए को चुनौती नहीं देने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए राज्य सरकार ने पूर्ववर्ती राज्य सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका को वापस लेने की अनुमति लेने के लिए प्रार्थना पत्र पेश किया है।

राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा की ओर से यह प्रार्थना पत्र पेश किया गया है। प्रार्थना पत्र में कहा गया है कि याचिका दायर करने के बाद परिस्थितियां बदल गई हैं और राज्य सरकार अब सीएए को चुनौती नहीं देना चाहती। इसलिए याचिका को वापस लेने की अनुमति दी जाए। गौरतलब है कि केन्द्र सरकार ने भारतीय नागरिकता कानून, 1955 में संशोधन के लिए वर्ष 2016 में नागरिकता संशोधन विधेयक संसद में पेश किया था। संसद से पारित होने के बाद 12 दिसंबर को विधेयक को राष्ट्रपति ने मंजूरी दे दी थी। इसके बाद से नागरिक संशोधन अधिनियम बन गया था। इसे लेकर वर्ष 2020 में तत्कालीन गहलोत सरकार ने सीएए को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।

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