रांची। झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस रंगोन मुखोपाध्याय, जस्टिस आनंद सेन और जस्टिस राजेश शंकर की फुल बेंच में जाति प्रमाण पत्र के कारण आरक्षण का लाभ नहीं दिए जाने के खिलाफ दाखिल अपील पर गुरुवार को सुनवाई हुई। मामल में अदालत ने अगली सुनवाई के लिए 25 अप्रैल की तिथि निर्धारित की है।
सुनवाई के दौरान अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि इस मामले में विस्तृत सुनवाई की जरूरत है। इस संबंध में डॉ नूतन इंदवार सहित 40 अन्य की ओर से हाई कोर्ट में अपील याचिका दाखिल की गई है। याचिका में कहा गया है कि नियुक्ति के लिए जारी विज्ञापन में प्रार्थियों ने आवेदन दिया था, लेकिन आयोग ने इनके जाति प्रमाण पत्र को नहीं मानते हुए इन्हें सामान्य श्रेणी में शामिल कर लिया, जबकि इन्होंने अपनी श्रेणी में निर्धारित कट ऑफ मार्क्स से ज्यादा अंक प्राप्त किये हैं। जेपीएससी और जेएसएससी की ओर से दंत चिकित्सक, शिक्षक और रेडियो आपरेटर सहित अन्य पदों पर नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किया गया था।जेपीएससी एवं जेएसएससी की ओर से अधिवक्ता संजोय पिपरवाल और अधिवक्ता प्रिंस कुमार ने पक्ष रखा।