14 दिन बाद लोगों के दबाव पर मुक्त किया गया नाबालिग
पीड़ित महिला की शिकायत पर केस दर्ज, मैनेजर गिरफ्तार
भवनाथपुर। माइक्रो फाइनेंस बैंक ने एक महिला कर्जदार केनाबालिग लड़के को 14 दिनों तक बंधक बनाये रखा। महिला ने इस मामले में दो नामजद समेत तीन लोगों पर मामला दर्ज कराया है। इसके बाद पुलिस ने कंपनी के शाखा प्रबंधक निगम यादव को गिरफ्तार कर लिया है, जबकी कर्मचारी उमाशंकर तिवारी की तलाश की जा रही है।
क्या है मामला
भवनाथपुर थाना क्षेत्र के रोहिनिया गांव निवासी संतोष राम की पत्नी आशा देवी समूह के माध्यम से सैटिन माइक्रो फाइनेंस बैंक कर्ज लिया था। कर्ज का पैसा वापस करने में देरी होने पर कंपनी के मैनेजर निगम यादव ने उस पर दबाव बनाया। निर्धारित समय तक रकम की व्यवस्था नहीं हुई, तो मैनेजर ने उसके पुत्र अनिश कुमार (12) को कब्जे में कर लिया। मैनेजर उसे लेकर श्रीबंशीधर नगर चले गये और कार्यालय में बंद कर दिया। 14 दिन तक मैनेजर ने बच्चे से काम कराया। उससे जूठा बर्तन भी साफ कराया गया। महिला ने बच्चे को छोड़ देने की गुहार लगायी, लेकिन किसी ने उसकी नहीं सुनी। तब उसने इसकी सूचना स्थानीय लोगों को दी। लोगों ने बच्चे को मुक्त करने का दबाव बनाया। तब मैनेजर और अन्य कर्मियों ने महिला से तीन हजार रुपये लिये और शेष रकम वापस करने की लिखित गारंटी लेकर बच्चे को मुक्त कर दिया। कर्मियों ने महिला को धमकी दी कि अगर किसी से कुछ बताया, तो बच्चे की किडनी और आंख निकाल कर बेच दिया जायेगा।
क्या कहा बच्चे ने
अनिश कुमार ने मुक्त होने के बाद बताया कि कंपनी कर्मी हेनहो मोड़ के पास स्थित कार्यालय में ले गये, जहां उसे बंधक बना लिया। एक सप्ताह तक तो ठीक से रखा, लेकिन बाद में उमाशंकर तिवारी मारपीट करने लगे। वह कपड़ा और बर्तन साफ करने के लिए बोलते थे और शराब पीने के बाद बोतल भी फेंकवाते थे। वह पैसा जमा नहीं करने पर किडनी और आंख निकाल कर बेच देने की धमकी देते थे।
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