नम आंखों से गांव वालों ने दी विदाई, आर्मी के जवानों ने दी सलामी
मांडर। मांडर के नगड़ा पंचायत स्थित कनभिट्ठा गांव निवासी आर्मी जवान छोटन उरांव का आकस्मिक निधन ट्रेनिंग के दौरान बेंगलुरु में हो गया। शहीद छोटन उरांव बरेली में पदस्थापित थे। वर्तमान में वो टेÑनिंग सेंटर बेंगलुरु में कोर्स करने के लिए गये हुए थे। 7 मार्च को अचानक ट्रेनिंग के दौरान स्वास्थ्य बिगड़ने से उनका निधन हो गया।
निधन की खबर मिलने के बाद से गांव में हर तरफ शोक व्याप्त था। रविवार को शहीद छोटन उरांव का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव पहुंचते ही माहौल गमगीन हो गया। हर किसी की आंखें नम थीं। शहीद छोटन उरांव की पत्नी का रो-रो कर बुरा हाल था। शहीद छोटन उरांव अभी कुछ माह पहले ही पिता बने थे। शहीद छोटन उरांव को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की, पूर्व मंत्री मंत्री बंधु तिर्की सहित बड़ी संख्या में लोग गांव पहुंचे थे। मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने दिवंगत आत्मा को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ शहीद परिवार का ढांढस बंधाया। इस मौके पर आर्मी के जवानों के द्वारा शहीद छोटन उरांव को अंतिम सलामी दी गयी।