काठमांडू। काठमांडू में राजशाही की वापसी को लेकर आंदोलन कर रहे प्रदर्शनकारियों की उग्र और अनियंत्रित भीड़ ने शुक्रवार को दिन भर बवाल मचाया। पुलिस वालो पर पथराव करने के अलावा कई घरों में आगजनी, तोड़फोड़ भी की है। कुछ मीडिया के दफ्तर पर भी हमला किया गया तो कुछ राजनीतिक दल के मुख्यालय को भी निशाना बनाया।

राजा समर्थकों के सभा के कुछ ही दूरी पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प शुरू हो गई थी। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव करना शुरू किया तो जवाब में पुलिस ने भी पानी का बौछार और लाठीचार्ज कर प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने का प्रयास कर रही थी। राजसंस्था की पुनर्स्थापना संयुक्त संघर्ष समिति के रवीन्द्र मिश्र ने बताया कि जिस समय उन लोगों के द्वारा मंच पर भाषण दिया जा रहा था, उसी समय मंच को लक्ष्य कर पुलिस द्वारा अश्रु गैस चलाने के बाद स्थिति तनावपूर्ण बनी। मंच का कार्यक्रम बाधित होने के बाद राजतंत्र समर्थक भीड उग्र और अनियंत्रित हो गई। उन्होंने सभास्थल के पास रहे एक भवन के पूरे शीशे को तोड़ दिया और वहां आगजनी कर दी।

स्थिति को नियंत्रण से बाहर जाता देख काठमांडू जिला प्रशासन ने शुक्रवार शाम चार बजे से शनिवार सुबह 7 बजे तक के लिए कर्फ्यू आदेश जारी कर दिया गया है। कर्फ्यू लगने के बाद भी स्थिति तनावपूर्ण बनी रही और पथराव तथा आगजनी की घटना की लगातार खबर आती रही। बाद में सरकार ने नेपाली सेना को सड़कों पर उतारा। सेना की कई टुकड़ियां बख्तरबंद गाड़ियों के साथ सड़क पर मार्च करती दिखी। प्रशासन ने जिन क्षेत्रों में कर्फ्यू लगाया था उस क्षेत्र को पूरी तरह से सेना के हवाले कर दिया गया गया जिसके बाद वहां स्थिति सामान्य हो पाई।

गृहमंत्री रमेश लेखक ने सुरक्षा अधिकारियों की बैठक कर सेना उतरने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि जिस तरह की अराजकता का प्रदर्शन किया जा रहा है, उसको देखते हुए सेना को सड़क पर उतारने का फैसला किया गया है। गृहमंत्री ने बताया कि अनियंत्रित भीड़ के द्वारा मीडिया संस्थानों, शॉपिंग मॉल, बिजनेस कॉम्पलेक्स, सरकारी दफ्तर, पुलिस चौकी आदि में तोड़फोड़ तथा आगजनी की घटना की सूचना लगातार आने के बाद तत्काल सेना को उतारने के लिए निर्देश दिया गया ।

Share.

Comments are closed.

Exit mobile version