रांची। नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने बड़े ही तार्किक अंदाज में राज्य सरकार पर निशाना साधा है। सोशल मीडिया पोस्ट में कहा है कि जब झारखंड का किसान सूरज निकलने से पहले खेतों में उतरता है, मजदूर दिनभर पसीना बहाता है और व्यापारी ईमानदारी से कर चुकाता है, तो उनकी बस एक उम्मीद होती है कि राज्य का विकास हो, ताकि उनके बच्चों का भविष्य बेहतर बन सके। इसी उम्मीद और विश्वास के साथ वित्तीय वर्ष 2024-25 में जनता ने पिछले साल से 1,097 करोड़ रुपये अधिक, यानी कुल 22,172 करोड़ रुपये टैक्स के रूप में सरकार को दिये। लेकिन क्या मुख्यमंत्री और उनकी सरकार ने भी उतनी ही ईमानदारी से अपनी जिम्मेदारी निभाई?।

टैक्स का पैसा बालू और भू-माफियाओं की जेब में जा रहा
बाबूलाल ने कहा है कि टैक्स के रूप में प्राप्त वह धन, जिससे सड़कें, स्कूल, अस्पताल और रोजगार के अवसर उत्पन्न करने थे, आज बालू और भू-माफियाओं की जेब में जा रहा है। जिन टैक्स के पैसों से समृद्ध झारखंड बनना था, वह भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहा है। हेमंत सरकार की प्राथमिकता जनता की सेवा करना नहीं, बल्कि सत्ता का दुरुपयोग कर काला धन इकट्ठा करना है। अपने कर्तव्य से विमुख होकर सरकार न सिर्फ राज्य को पीछे धकेल रही है, बल्कि ईमानदार करदाताओं के साथ विश्वासघात भी कर रही है।

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