रांची। प्रकृति पूजा के महापर्व सरहुल की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। केंद्रीय सरना समिति के नेतृत्व में सिरमटोली सरना स्थल पर हजारों सरना धर्मावलंबी सरहुल शोभायात्रा में भाग लेंगे। इस पावन अवसर पर सभी आदिवासी समुदाय के लोग सरना मां से आशीर्वाद लेने के लिए माथा टेकेंगे और मन्नत मांगेंगे। सोमवार को समिति के अध्यक्ष अजय तिर्की की अगुवाई में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया कि यह पर्व आदिवासी समुदाय के लिए उल्लास, समृद्धि और प्रकृति के प्रति अपनी आस्था प्रकट करने का महत्वपूर्ण अवसर है।

हजारों की संख्या में पहुंचेगी खोड़हा मंडली
एक अप्रैल को सिरमटोली सरना स्थल पर हजारों खोड़हा मंडलियों और आकर्षक झांकियों का रंग देखने को मिलेगा। श्रद्धालु मां सरना से सुख-समृद्धि की कामना करेंगे। इस दौरान पारंपरिक वेशभूषा में खोड़हा मंडलियां वाद्ययंत्रों के साथ गीत गाते हुए सरना स्थल पहुंचेगी। सभी खोड़हा मंडलियों को सरना अंगवस्त्र प्रदान कर सम्मानित किया जायेगा।

खोड़हा मंडलियों का होगा सम्मान
सरहुल के अवसर पर सभी समुदायों को आमंत्रित किया गया है। पारंपरिक सरना अंगवस्त्र पहनाकर खोड़हा मंडलियों का सम्मान किया जायेगा। इसके अतिरिक्त विभिन्न स्थानों पर सैकड़ों स्टॉल लगाये जायेंगे, जहां श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद वितरण किया जायेगा। मुख्य अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस पावन अवसर पर उपस्थित होंगे।

पुरस्कार वितरण और विशेष सम्मान
शोभायात्रा में सबसे पहले पहुंचने वाले खोड़हा मंडलियों को सम्मानित किया जायेगा और साथ में पुरस्कार भी दिया जायेगा।
• प्रथम पुरस्कार: 11,000 रुपये
• द्वितीय पुरस्कार: 7,100
• तृतीय पुरस्कार: 5,100
इसके अलावा पहान, पइनभोरा और महतो को भी उनके योगदान के लिए सम्मानित किया जायेगा।

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