ढाका। बांग्लादेश और भारत के अधिकारी इस हफ्ते कोलकाता में गंगा जल बंटवारा संधि जारी रखने के मसले पर चर्चा करेंगे। यह दोनों देशों के तकनीकी विशेषज्ञों की संयुक्त समिति की 86वीं बैठक होगी। गंगा जल के बंटवारे पर 30 साल पुरानी संधि के नवीनीकरण के संबंध में यह टीम फरक्का का दौरा करेगी।

द डेली स्टार समाचार पत्र के अनुसार, संयुक्त नदी आयोग के सदस्य मोहम्मद अबुल हुसैन के नेतृत्व में 11 सदस्यीय बांग्लादेशी प्रतिनिधिमंडल तीन मार्च को कोलकाता पहुंचेगा। दोनों देशों के तकनीकी विशेषज्ञ पांच मार्च की सुबह फरक्का पहुचेंगे। वरिष्ठ संयुक्त आयुक्त आरआर सांभारिया के अनुसार, प्रतिनिधिमंडल 6-7 मार्च को हयात रीजेंसी होटल कोलकाता में भारत-बांग्लादेश संयुक्त नदी आयोग के तत्वावधान में दो दिवसीय बैठक में हिस्सा लेगा।

अबुल हुसैन ने कहा कि वे सीमा पार नदी पर चर्चा करने के लिए साल में एक बार बैठते हैं। गंगा भारत और बांग्लादेश द्वारा साझा की जाने वाली 54 नदियों में से सबसे प्रमुख है। इसके जल-बंटवारे पर लंबे समय से चले आ रहे मतभेदों को खत्म करने के लिए दिसंबर 1996 में तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा और बांग्लादेशी समकक्ष शेख हसीना ने गंगा जल संधि पर हस्ताक्षर किए थे।

इस संधि का नवीनीकरण 2026 में होना है। जून 2024 में हसीना की नई दिल्ली की आखिरी आधिकारिक यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने घोषणा की थी कि दोनों पक्षों ने इसके नवीनीकरण के लिए तकनीकी बातचीत शुरू करने का फैसला किया है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से गंगा जल-बंटवारा संधि को नवीनीकृत करने के प्रयासों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद है।

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