मास्को। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को उस विधेयक पर हस्ताक्षर कर दिया, जो ऑनलाइन चरमपंथी सामग्री तक पहुँचने या उसकी तलाश को अपराध घोषित करता है। इसके कानून के तहत दोषी पाए जाने पर 5,000 रूबल (करीब 64 डॉलर) तक जुर्माने का प्रावधान है। यह कानून 1 सितंबर से लागू होगा।

रूस की संसद के दोनों सदनों ने ऐसे विधेयक को मंजूरी दी, जिसके तहत इंटरनेट पर चरमपंथी घोषित सामग्री की तलाश अपराध माना जाएगा।दी मॉस्को टाइम्स के मुताबिक इस विधेयक पर राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह कानून बन गया। यह कानून को रूस में इंटरनेट पर सरकारी नियंत्रण और सख्त करने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। जिसमें कहा गया है कि अगर कोई व्यक्ति जानबूझकर ‘चरमपंथी’ मानी जाने वाली सामग्री को तलाशता या एक्सेस करता है तो उस पर करीब 64 अमेरिकी डॉलर (लगभग 5000 रूबल) तक जुर्माना लगाया जा सकता है।

हालांकि, अभी यह साफ नहीं किया गया है कि इसकी निगरानी किस तरह की जा सकेगी। किस तरह सर्च को ट्रैक किया जाएगा या किस आधार पर यह तय होगा कि किसने जानबूझकर ऑनलाइन ऐसी सामग्री खोजी है।

रूस में ऐसे लोगों की बड़ी संख्या है जो वीपीएन का इस्तेमाल कर प्रतिबंधित साइट्स तक पहुंच बनाते हैं। राष्ट्रपति पुतिन गुरुवार को ही वीपीएन सेवाओं के विज्ञापन पर प्रतिबंध लगाने वाले एक और विधेयक पर हस्ताक्षर किए, जो पिछले तीन वर्षों में रूस में व्यापक हो गए हैं। साल 2022 में यूक्रेन पर आक्रमण के बाद से रूस में सरकार विरोधी आवाजों को दबाने के लिए ऑनलाइन सेंसरशिप और मीडिया बैन में इजाफा हुआ है। इन कानूनों को इसी संदर्भ में देखा जा रहा है। रूस में चरमपंथ की परिभाषा काफी व्यापक होने के कारण इसके व्यापक प्रभाव की संभावना है।

Share.
Leave A Reply

Exit mobile version