पटना। बिहार में नीतीश कुमार सरकार ने सोमवार को विधानसभा में वित्त वर्ष 2025-26 के लिए करीब 3.17 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया। यह इस साल के अंत में होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव से पहले का आखिरी बजट है।
वित्त विभाग का भी प्रभार संभाल रहे उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने बिहार विधानसभा में 3.17 लाख करोड़ का बजट पेश करते हुए सदन को बताया कि इस साल बजट का कुल आकार पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 38,169 करोड़ रुपये अधिक है।” भाजपा नेता ने यह भी कहा कि बजट प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा बताए गए ‘सबका साथ सबका विकास’ के सिद्धांत और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ‘न्याय के साथ विकास’ के आदर्श वाक्य पर आधारित है।
जानिए बजट में किस विभाग को कितनी राशि आबंटित
बता दें कि बजट में विभिन्न विभागों के लिए विशाल राशि का प्रावधान किया गया है। शिक्षा विभाग के लिए 60,974 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, स्वास्थ्य विभाग के लिए 20,335 करोड़ रुपये दिए जाएंगे, वहीं ग्रामीण विकास के लिए 16,043 करोड़ रुपये प्रस्तावित किए गए हैं। इधर सड़क निर्माण के लिए 17,908 करोड़ रुपये देने का फैसला किया गया तो गृह विभाग के लिए 17,831 करोड़ रुपये रखे गए है। जबकि ऊर्जा विभाग के लिए 13,484 करोड़ रुपये खर्च किए जाने की बात कही गई। समाज कल्याण, SC, ST, अल्पसंख्यक, पिछड़े और अति पिछड़े वर्ग के लिए 13,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि का प्रावधान किया गया है। वेतन और पेंशन के लिए 1 लाख 60 हजार 696 करोड़ रुपये रखे गए हैं। सकल ऋण के लिए 55 हजार 737 करोड़ रुपये प्रस्तावित किए गए हैं। आपदा प्रबंधन के लिए 9204 करोड़ रुपये और स्थानीय निकायों के लिए 7118 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कभी घोर विरोधी रहे सम्राट चौधरी के राज्य के वित्त मंत्री के तौर बजट पेश किये जाने के बाद उनके बगल में बैठे जदयू के प्रमुख ने अपनी सीट से खडे होकर चौधरी को शाबाशी दी।