नई दिल्ली। अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष अलका लांबा ने सोमवार को महिला कांग्रेस की अन्य सदस्यों के साथ लोकसभा और विधानसभाओं में 33 फीसदी महिला आरक्षण को तत्काल लागू करने की मांग को लेकर जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन किया।

अलका लांबा ने केंद्र सरकार पर महिला आरक्षण को संसद में पारित होने के बावजूद इसके कार्यान्वयन में देरी करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “यह कानून यूपीए सरकार ने पारित किया था लेकिन इस सरकार ने इसके नाम पर वोट मांगते हुए इसे दस साल तक रोक कर रखा।”

उन्होंने कहा, “आज सत्ता में होने के बावजूद, भाजपा ने इस कानून को लागू नहीं किया है। कांग्रेस के विधायक इसे लागू करने के लिए लड़ते रहेंगे।”

कांग्रेस नेता ने कहा कि उनका इरादा हाशिए पर मौजूद महिलाओं की आवाज बनने का है। उन लोगों के लिए खड़े हैं, जो पीड़ित और असहाय हैं। हमारी लड़ाई उनके खोए हुए आत्मविश्वास और सम्मान को बहाल करने के लिए है।

उन्होंने कहा कि आज से संसद का सत्र आरंभ हो रहा है, जो लगभग एक महीने तक चलेगा। इस सत्र में अखिल भारतीय महिला कांग्रेस के विधायकों की मांग है कि संसद के सत्र के दौरान महिलाओं के लिए बात की जाए।

उन्होंने कहा कि लोकसभा, राज्यसभा और विधानसभाओं में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देने का विधेयक पारित कर चुकी है लेकिन केंद्र सरकार इसे क्रियान्वित नहीं कर रही है। इसे लेकर कांग्रेस के विधायक विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस विधायक महिला आरक्षण कानून को लागू करने की मांग करते हैं। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और सांसद प्रियंका गांधी चिंताओं को उठाएंगे। राज्यसभा में हमारी वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी इसकी वकालत करेंगी।

लांबा ने कहा कि एक साल पहले उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को पत्र लिखकर महिलाओं की चिंताओं पर चर्चा के लिए एक बैठक बुलाने का अनुरोध किया था लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।

उन्होंने कहा, “मैं राष्ट्रपति मुर्मु से आग्रह करती हूं कि वह हमसे मिलें, महिलाओं की शिकायतें सुनें और उनके लिए न्याय सुनिश्चित करें।”

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