रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से दायर शिकायत पर इडी के अधिकारियों के खिलाफ दर्ज एफआइआर को चुनौती देने वाली इडी के अधिकारियों कपिल राज एवं अन्य की याचिका की सुनवाई झारखंड हाइकोर्ट में हुई। मंगलवार को मामले में कोर्ट ने इडी अधिकारी को दी गयी अंतरिम राहत बरकरार रखी है। राज्य सरकार को प्रतिशपथ पत्र दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का समय कोर्ट ने दिया है।
पूर्व में कोर्ट ने इडी के अधिकारियों को अंतरिम राहत देते हुए गोंदा पुलिस द्वारा 41 ए के तहत दिये गये नोटिस पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने कहा था कि अगले आदेश तक पुलिस इडी अधिकारियों को 41 ए का नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए नहीं बुला सकती है। इडी की ओर से अधिवक्ता एके दास एवं सौरव कुमार ने पैरवी की। उल्लेखनीय है कि यह एफआइआर झारखंड पुलिस ने एससी-एसटी एक्ट के तहत रांची के एससी-एसटी थाना में दर्ज की है। यह एफआइआर हेमंत सोरेन सोरेन की दिल्ली आवास पर इडी की ओर से की गयी तलाशी के संबंध में एक शिकायत को लेकर की गयी है।
इडी की ओर से इस केस को निरस्त करने का आग्रह कोर्ट से किया गया है। एफआइआर में इडी के सीनियर अधिकारियों पर दिल्ली में हेमंत सोरेन के आवास पर की गयी तलाशी का आरोप लगाया गया है। इस एफआइआर में इडी के तत्कालीन अतिरिक्त निदेशक कपिल राज, सहायक निदेशक देवव्रत झा और अनुमान कुमार और अमन पटेल के साथ-साथ अज्ञात अधिकारियों का नाम शामिल है। इसमें हेमंत सोरेन ने आरोप लगाया कि उनके दिल्ली आवास पर इडी का तलाशी अभियान उन्हें और उनके समुदाय को परेशान करने और बदनाम करने के इरादे से चलाया गया। इडी के अधिकारियों ने मीडिया को इसकी जानकारी लीक की, जिससे जनता की नजर में उनकी प्रतिष्ठा धूमिल हो जाये।