मुंबई। मुंबई के दिग्गज क्रिकेटर पद्माकर शिवलकर का 3 मार्च (सोमवार) को 84 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। बाएं हाथ के इस स्पिनर ने मुंबई के लिए 20 वर्षों तक क्रिकेट खेला, लेकिन भारतीय टीम में जगह नहीं बना सके, क्योंकि उसी दौर में बिशन सिंह बेदी जैसे दिग्गज स्पिनर टीम का हिस्सा थे। बेदी ने भारतीय क्रिकेट में अपने शानदार प्रदर्शन से विशेष पहचान बनाई।

शिवलकर के निधन पर क्रिकेट जगत ने गहरा शोक व्यक्त किया है। पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा, “यह वास्तव में दुखद खबर है। कम समय में मुंबई क्रिकेट ने मिलिंद और अब पद्माकर जैसे दो महान खिलाड़ियों को खो दिया, जिन्होंने कई जीतों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।” गावस्कर ने अपनी किताब ‘आइडल्स’ में शिवलकर को अपने आदर्श खिलाड़ियों में शामिल किया था।

1961/62 सीज़न में 21 वर्ष की उम्र में अपना प्रथम श्रेणी क्रिकेट करियर शुरू करने वाले शिवलकर ने 1987/88 सीज़न तक मुंबई के लिए खेलते हुए 124 प्रथम श्रेणी मैचों में 589 विकेट लिए। इस दौरान उन्होंने 42 बार पारी में पांच और 13 बार मैच में 10 विकेट लेने का कारनामा किया। 1972/73 रणजी ट्रॉफी फाइनल में तमिलनाडु के खिलाफ उन्होंने 8/16 और 5/18 का बेहतरीन प्रदर्शन कर मुंबई को लगातार 15वीं बार खिताब दिलाने में अहम भूमिका निभाई।

मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन (एमसीए) के अध्यक्ष अजिंक्य नाइक ने भी उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा, “मुंबई क्रिकेट ने आज एक सच्चे दिग्गज को खो दिया। पद्माकर शिवलकर सर का खेल में योगदान, खासकर एक शानदार स्पिनर के रूप में, हमेशा याद किया जाएगा। उनकी प्रतिबद्धता, कौशल और मुंबई क्रिकेट पर उनकी छाप अतुलनीय है। उनका निधन क्रिकेट जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उनकी आत्मा को शांति मिले।”

घरेलू क्रिकेट में अपने उत्कृष्ट योगदान के लिए शिवलकर को 2016 में सी.के. नायडू लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया था।

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