इस्लामाबाद। पाकिस्तान के सर्वाधिक अशांत प्रांत बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री सरफराज बुगती ने राज्य विरोधी गतिविधियों में शामिल सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के आदेश जारी किए हैं। उन्होंने सभी आयुक्तों और जिला अधिकारियों को ऐसे कर्मचारियों की पहचान करने और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के आदेश जारी किए। उन्होंने सोमवार को बलूचिस्तान में समग्र कानून और व्यवस्था की स्थिति पर एक उच्च स्तरीय बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि सरकारी कर्मचारियों का यह आचरण अस्वीकार्य है।

पाकिस्तान के समाचार द न्यूज के अनुसार, बैठक में बलूचिस्तान के मुख्य सचिव शकील कादिर खान, पुलिस महानिरीक्षक मोजाम जाह अंसारी, प्रमुख विभागों के सचिव, सरकार के प्रवक्ता शाहिद रिंद, सभी संभागीय आयुक्त, उपायुक्त, डीआईजी और जिला पुलिस अधिकारियों ने एक वीडियो लिंक के माध्यम से बैठक में हिस्सा लिया। बुगती ने कहा कि बलूचिस्तान में कोई भी राजमार्ग बंद नहीं किया जाए। जिलास्तर पर राज्य विरोधी तत्वों पर कड़ी निगरानी रखी जा। प्रांत के सभी शैक्षणिक संस्थानों में राष्ट्रगान अवश्य बजाया जाना चाहिए और राष्ट्रीय ध्वज अवश्य फहराया जाना चाहिए। इन आदेशों का पालन न करने वाले संस्थानों के प्रमुखों को इस्तीफा देना होगा।

मुख्यमंत्री सरफराज बुगती ने इस बात पर जोर दिया कि कोई भी अधिकारी या कर्मचारी जो सरकारी नीतियों के अनुसार काम नहीं कर सकता है, उसे स्वेच्छा से इस्तीफा दे देना चाहिए। बलूचिस्तान में किसी भी चौकी पर जबरन वसूली को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसके लिए संबंधित एसएचओ या लेवी अधिकारी को जवाबदेह ठहराया जाएगा।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के दुश्मन बलूच युवाओं को एक निरर्थक युद्ध के लिए गुमराह कर रहे हैं। बलूचिस्तान की संस्कृति परंपराओं से समृद्ध है और निर्दोष मजदूरों और यात्रियों की हत्या एक क्रूर कृत्य है। आज कृत्रिम रूप से थोपी जा रही संस्कृति असली बलूच संस्कृति नहीं है, जहां महिलाओं ने अपने घूंघट हटा दिए हैं और पुरुषों ने अपने चेहरे ढक लिए हैं। उन्होंने आग्रह किया कि युवाओं को निरर्थक युद्ध में ले जाने के बजाय उन्हें विकास और समृद्धि के मार्ग पर ले जाना चाहिए।

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