रांची। इनफोर्समेंट डाइरेक्टोरेट (इडी) ने रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन की अपील पर अदालत को बताया है कि भ्रष्टाचार (मनी लॉन्ड्रिंग) सरकारी काम की जिम्मेदारी में शामिल नहीं है। इसलिए सरकार से अभियोजन स्वीकृति लेना जरूरी नहीं है। मालूम हो कि सेना की जमीन की खरीद-बिक्री के मामले में गिरफ्तार रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन ने हाइकोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा है कि उनके खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए अभियोजन की स्वीकृति नहीं ली है। याचिका में छवि रंजन ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में हाल ही में यह फैसला दिया है। पीएमएलए के मामलों में सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए सरकार से अभियोजन की स्वीकृति लेना जरूरी है।

हाइकोर्ट ने याचिका पर इडी से जवाब मांगा था। इडी ने अपने जवाब में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी कामकाज के दौरान हुई गड़बड़ी के मामले में मुकदमा चलाने से पहले सरकार से अभियोजन की स्वीकृति जरूरी बताया है।

इडी ने कहा है कि आइएएस छवि रंजन ने जो भ्रष्टाचार किया है, वह सरकारी कामकाज के दायरे में नहीं आता है। इसलिए इस मामले में सरकार से अभियोजन की स्वीकृति लेना जरूरी नहीं है। वहीं इडी के शपथ पत्र पर जवाब देने के लिए छवि रंजन की तरफ से दो दिन का समय मांगा गया है।

Share.
Leave A Reply

Exit mobile version