रांची। जिला दंडाधिकारी सह उपायुक्त मंजूनाथ भजन्त्री के निर्देशन में रांची में उल्लास नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के तहत बुनियादी साक्षरता एवं संख्यात्मक आकलन परीक्षा (FLNAT) का आयोजन रविवार को किया गया। इस परीक्षा में जिले के 2000 से अधिक परीक्षा केंद्रों पर करीब 20,000 परीक्षार्थियों ने भाग लिया।

राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय शिक्षण संस्थान (NIOS) द्वारा आयोजित इस परीक्षा का उद्देश्य 15 वर्ष से अधिक आयु के असाक्षरों को शिक्षित करना और उन्हें प्रमाणित साक्षर बनाना है। यह परीक्षा साल में दो बार – मार्च और सितंबर में आयोजित की जाती है, जिसमें पढ़ना, लिखना और संख्यात्मकता से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं। न्यूनतम 33% अंक प्राप्त करने पर अभ्यर्थियों को NIOS द्वारा प्रमाण पत्र प्रदान किया जाता है।

परीक्षा के दौरान जिला प्रशासन पूरी तरह सक्रिय रहा, और जिला शिक्षा अधीक्षक श्री बादल राज के नेतृत्व में विभिन्न शिक्षा अधिकारियों, बीआरपी, सीआरपी और शिक्षकों की टीम ने परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण किया। इसके अलावा, क्षेत्रीय शिक्षा संयुक्त निदेशक (दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल, रांची) श्रीमती नीलम आयलिन टोप्पो ने भी परीक्षा केंद्रों का दौरा किया और परीक्षा की गुणवत्ता और संचालन का निरीक्षण किया।

उल्लास नव भारत साक्षरता कार्यक्रम का उद्देश्य ‘जन-जन साक्षर’ के नारे के साथ इसे एक राष्ट्रीय आंदोलन में बदलना है। राज्य, जिला, प्रखंड, संकुल और विद्यालय स्तर पर समितियां सक्रिय रूप से कार्य कर रही हैं। इस पहल का मुख्य उद्देश्य अधिक से अधिक लोगों को साक्षर बनाना और उन्हें सतत शिक्षा से जोड़ना है।

रांची जिले में इस कार्यक्रम के सफल आयोजन ने यह साबित कर दिया है कि जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग की प्रतिबद्धता से समाज के हर तबके को साक्षरता से जोड़ने में सफलता मिल रही है, जो कि शिक्षा के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी बदलाव की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

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