रांची। झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के 13वें दिन बुधवार को पांकी विधायक कुशवाहा शशिभूषण मेहता के प्रश्न पढ़ने के दौरान असमंजस की स्थिति बन गई। प्रश्न पढ़ते समय वह कुछ क्षण रुक गए, जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने उनके प्रश्न को पढ़ा हुआ मान लिया।

इस पर विधायक मेहता ने अध्यक्ष पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि क्यों 12 बजे से यहां आकर बैठते हैं, जब पढ़ने के लिए वक्त ही नहीं दिया जाता। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें बोलने का मौका दिया। साथ ही उन्हाेंने कहा कि और कुछ आरोप लगाना है तो लगा दीजिये।

इसके बाद कुशवाहा शशिभूषण मेहता आक्रोशित हो गये। उन्होंने अपने हाथ में रखे कागज को फाड़ दिया और कहा कि वह नहीं पढ़ेंगे। कुछ सदस्यों ने उन्हें पढ़ने के लिए कहा, तब भी वह यह कहते रहें कि नहीं पढ़ेंगे।

इस स्थिति पर विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्ष के नेता बाबूलाल मरांडी को कहा कि आप देखिये, आसन की कहां गलती है। सदस्य किस तरह का व्यवहार कर रहे हैं। आसन के सामने प्रश्न को फाड़ना कहीं से उचित नहीं है। आचरण अच्छा नहीं है।

इस पर विपक्ष के नेता बाबूलाल मरांडी ने अपने वक्तव्य में कहा कि थोड़ी गलती हुई है। वह प्रश्न पढ़ते वक्त थोड़ा रुक गये थे और आपको लगा कि पढ़ना हो गया। कभी-कभी ऐसा हो जाता है।

इस पर संसदीय कार्यमंत्री राधा कृष्ण किशोर ने कहा कि नियमानुसार प्रश्नकाल का प्रश्न 50 शब्द से अधिक नहीं होना चाहिये। लेकिन हम लंबा सवाल भी पढ़ते हैं। सदन में इस तरह का व्यवहार ठीक नहीं। वह पक्ष और विपक्ष के विधायकों से आग्रह करेंगे कि ऐसा व्यवहार ना करें।

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