कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के केलॉग कॉलेज में दिए गए भाषण के दौरान हुए हंगामे पर भाजपा नेता दिलीप घोष ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को इस विरोध प्रदर्शन के लिए पहले से तैयार रहना चाहिए था क्योंकि दुनिया बंगाल की स्थिति से अवगत है।
ममता बनर्जी के संबोधन के दौरान कुछ छात्रों ने पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा और आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में हाल ही में हुए दुष्कर्म मामले को लेकर विरोध जताया।
दिलीप घोष ने कहा, “मैंने पहले ही ममता बनर्जी को सलाह दी थी कि अगर वह विदेश दौरे पर जा रही हैं तो उन्हें महिलाओं के खिलाफ अपराध और नाबालिगों की शादी से जुड़ी सच्चाई को ध्यान में रखकर पूरी तैयारी के साथ जाना चाहिए। मैंने कहा था कि उन्हें इन मुद्दों पर जवाब देना होगा। जब यह सवाल उठा तो वह असहज हो गईं क्योंकि उनके पास कोई जवाब नहीं था।”
घोष ने आगे कहा कि पूरी दुनिया पश्चिम बंगाल की स्थिति से परिचित है। उन्होंने कहा, “बड़े-बड़े लोग यहां से विदेश में बैठे हैं… तो अगर वहां ऐसी घटना होती है तो आपको जवाब देना ही होगा। नाराज होने से क्या होगा?”
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री को केलॉग कॉलेज में महिलाओं, बच्चों और हाशिए पर खड़े समुदायों के सामाजिक विकास पर भाषण देने के लिए आमंत्रित किया गया था।
अपने संबोधन के दौरान ममता बनर्जी ने ‘स्वास्थ्य साथी’ और ‘कन्याश्री’ जैसी कल्याणकारी योजनाओं का जिक्र किया। लेकिन जब उन्होंने पश्चिम बंगाल में औद्योगिक विकास और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) में हुए निवेश पर चर्चा शुरू की, तो कुछ प्रदर्शनकारी अचानक उठ खड़े हुए और पोस्टर लहराते हुए चुनाव बाद हिंसा और आर.जी. कर दुष्कर्म मामले का जिक्र करने लगे।
प्रदर्शनकारियों ने भाषण में बाधा डालने की कोशिश की, लेकिन मुख्यमंत्री ने संयम बनाए रखा और अपना संबोधन बिना किसी रुकावट के पूरा किया।
प्रदर्शनकारियों को जवाब देते हुए ममता बनर्जी ने कहा, “अपने दल से कहिए कि वह बंगाल में अपनी ताकत बढ़ाए ताकि वे हमारे साथ मुकाबला कर सकें।”
इस दौरान तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने 1990 के दशक की एक पुरानी तस्वीर भी दिखाई, जिसमें उनके सिर पर पट्टी बंधी हुई थी। उन्होंने इसे विपक्ष में रहते हुए उन पर हुए हमले का प्रमाण बताया।