राजधानी, दूरंतो और शताब्दी ट्रेनों में खाली पड़ी बर्थ को भरने के लिए रेलवे अब फ्लेक्सी किराया ढांचे में बदलाव करेगा।
ट्रेनों में फ्लेक्सी किराया व्यवस्था पिछले साल नौ सितंबर से शुरू हुई थी। इस व्यवस्था के अनुसार, केवल दस फीसदी सीटों की बिक्री सामान्य किराया श्रेणी में होती है और फिर हर दस फीसदी बर्थ के लिए टिकट की बिक्री के बाद किराये में 10 फीसदी की वद्धि होते जाती है। किराये में अधिकतम वद्धि 50 फीसदी तक हो सकती है।
रेलवे बेसिक कराया 15 फीसदी तक बढ़ाने या फिर प्रमुख ट्रेनों में करीब 50 फीसदी बर्थ को सामान्य किराया दर पर आरक्षित करने के बारे में विचार कर रही है।
लंबी दूरी की राजधानी और दूरंतों तथा कुछ शताब्दी ट्रेनों में खाली सीटों को ध्यान में रखते हुए रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने इस प्रणाली की समीक्षा करनी चाही ताकि इसे यात्रियों के अनुकूल बनाया जा सके।
रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि समीक्षा की गई और संकेत मिला कि कुछ ट्रेनों में सीटों के खाली रह जाने की कीमत पर राजस्व में वद्धि हुई है। रेल मंत्री इसे दुरूस्त करना चाहते थे।
उन्होंने बताया कि विभिन्न मॉडलों पर चचार् की गई और फ्लेक्सी किराया व्यवस्था की समीक्षा के लिए इसी माह निर्णय किया जाएगा। फ्लेक्सी किराया प्रणाली से रेलवे ने आज की तारीख तक करीब 260 करोड़ रूपये जुटाए हैं और उसका उददेश्य एक साल में 500 करोड़ रूपये का आंकड़ा छूने का है।
अधिकारी ने बताया प्रमुख ट्रेन सेवाओं को यात्रियों के लिए सुविधाजनक बनाने के उददेश्य से कुछ बदलाव किए जाएंगे ताकि सीटें खाली न रह सकें।
पिछले साल दिसंबर में रेलवे ने फ्लेक्सी किराया प्रणाली की समीक्षा की थी और आरक्षण चार्ट को अंतिम रूप दिए जाने के बाद खाली पड़ी सीटों पर 10 फीसदी की छूट का प्रस्ताव दिया था।
राजधानी, दूरंतो और शताब्दी ट्रेनों में खाली पड़ी बर्थ को भरने के लिए रेलवे अब फ्लेक्सी किराया ढांचे में बदलाव करेगा।
ट्रेनों में फ्लेक्सी किराया व्यवस्था पिछले साल नौ सितंबर से शुरू हुई थी। इस व्यवस्था के अनुसार, केवल दस फीसदी सीटों की बिक्री सामान्य किराया श्रेणी में होती है और फिर हर दस फीसदी बर्थ के लिए टिकट की बिक्री के बाद किराये में 10 फीसदी की वद्धि होते जाती है। किराये में अधिकतम वद्धि 50 फीसदी तक हो सकती है।
रेलवे बेसिक कराया 15 फीसदी तक बढ़ाने या फिर प्रमुख ट्रेनों में करीब 50 फीसदी बर्थ को सामान्य किराया दर पर आरक्षित करने के बारे में विचार कर रही है।
लंबी दूरी की राजधानी और दूरंतों तथा कुछ शताब्दी ट्रेनों में खाली सीटों को ध्यान में रखते हुए रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने इस प्रणाली की समीक्षा करनी चाही ताकि इसे यात्रियों के अनुकूल बनाया जा सके।
रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि समीक्षा की गई और संकेत मिला कि कुछ ट्रेनों में सीटों के खाली रह जाने की कीमत पर राजस्व में वद्धि हुई है। रेल मंत्री इसे दुरूस्त करना चाहते थे।
उन्होंने बताया कि विभिन्न मॉडलों पर चचार् की गई और फ्लेक्सी किराया व्यवस्था की समीक्षा के लिए इसी माह निर्णय किया जाएगा। फ्लेक्सी किराया प्रणाली से रेलवे ने आज की तारीख तक करीब 260 करोड़ रूपये जुटाए हैं और उसका उददेश्य एक साल में 500 करोड़ रूपये का आंकड़ा छूने का है।
अधिकारी ने बताया प्रमुख ट्रेन सेवाओं को यात्रियों के लिए सुविधाजनक बनाने के उददेश्य से कुछ बदलाव किए जाएंगे ताकि सीटें खाली न रह सकें।
पिछले साल दिसंबर में रेलवे ने फ्लेक्सी किराया प्रणाली की समीक्षा की थी और आरक्षण चार्ट को अंतिम रूप दिए जाने के बाद खाली पड़ी सीटों पर 10 फीसदी की छूट का प्रस्ताव दिया था।