रांची: कांके थाना क्षेत्र के मनातू स्थित क्रशर पर ग्रामीणों ने हमला कर दिया। घटना शनिवार देर रात की है। सैकड़ों की संख्या में पहुंचे ग्रामीणों ने पहले हिंदकुश क्रशर पर हमला कर उसे आग के हवाले कर दिया। मौके पर मौजूद पांच क्रशर कर्मियों को भी लोगों ने जम कर पीटा और बेहोश होने के बाद एक कमरे में बंद कर उसमें आग लगा दी। मौके पर उग्र ग्रामीणों ने जम कर तोड़-फोड़ की। ग्रामीणों हमला में क्रशरकर्मी तपन, दुर्योधन, चंदन, भूपेश, ग्यासुद्दीन, वीरभद्र और महीवार घायल हुए हैं।
मौके पर पहुंची कांके थाना की पेट्रोलिंग पार्टी पर भी ग्रामीणों ने हमला कर दिया। थाना की जीप तोड़ने के बाद लोगों ने पुलिस पर पथराव किया। कांके थाना के दारोगा नैयर और हवालदार घायल हो गये। उन्हें मेडिका में भरती कराया गया है। मामले को बेकाबू होते देख थाना प्रभारी राजीव रंजन मौके पर पहुंचे और भीड़ पर काबू पाने का प्रयास किया, लेकिन लोगों ने उनकी एक नहीं सुनी और थानेदार को पीटना शुरू कर दिया। वे किसी तरह जान बचा कर भागे।
गोली चलने के बाद पीछे हटे ग्रामीण
हेडक्वार्टर डीएसपी अमित कच्छप काफी दल बल के साथ मौके पर पहुंचे और भीड़ पर हवाई फायरिंग करनी शुरू की। घंटों चले पथराव, हवाई फायरिंग और लाठी डंडे के प्रयोग के बाद ग्रमीण पीछे हटे। देर रात करीब 11 बजे उग्र भीड़ पर पुलिस ने काबू पाया। पुलिस ने घायल को इलाज के लिए रिम्स में भर्ती करवाया है। आगजनी में कई लोगों को गंभीर चोट आयी हैं। कई क्रशरकर्मी लापता हैं, पुलिस ने उन्हें तलाश रहे हैं।
घटनास्थल पर पहुंचे ग्रामीण एसपी
घटना पर काबू पाने के लिए ग्रामीण एसपी राज कुमार लकड़ा मौके पर पहुंचे और लोगों को खदेड़ना शुरू किया। राजकुमार लकड़ा ने बताया कि आरोपियों की पहचान हो गयी है। मनातू स्थित हिंदकुश क्रशर पिछले कई वर्षों से चल रहा है। गांव के कई लोग उसमें काम करते हैं, लेकिन कुछ असामाजिक तत्वों को क्रशर मालिक ने वहां से काम से निकाला था। इस कारण एक षडयंत्र के तहत उन लोगो ने ग्रामीणों को भड़का कर क्रशर पर हमला करवाया है।
यह है मामला
हिंदकुश क्रशर में शनिवार को पत्थर ब्लास्ट करना था। इसके लिए मालिक ने गांव के लोगों ने दिन में वार्ता भी की थी। चूंकि क्रशर मालिक ने गांव के विकास कार्य में भी काफी सहयोग किया है। इस कारण उन्होंने गांव के लोगों की समस्या को गंभीरता से नहीं लिया था। शनिवार को जब क्रशर में पत्थर ब्लास्ट किया गया, तो पूरे गांव की बिजली कट गयी। पूरे गांव में अंधेरा छा गया। वहीं पत्थर के छोटे-छोटे टुकड़े पूरे गांव में जा गिरे। इससे कई घरों के एसबेस्टेस टट गये और कई लोगों को चोटे भी आयीं। हवा में बारूद की महक फैल गयी। इसके बाद ग्रामीण एकजुट होकर रात आठ बजे क्रशर पर पहुंचे और लोगों को बंधक बना लिया। बंधक बनाये गये लोगों को काफी देर पीटने के बाद पहले क्रशर और फिर रूम में आग लगा दी। भीड़ इतनी उग्र थी कि पुलिस के कई जवान और अफसर भी गंभीर रूप से घायल हो गये। घटना के बाद बेहोश हालत में लोगों को वहां से निकाला गया।