evm को लेकर आज चुनाव आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है. आपको बता दे की उतर-प्रदेश विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद बसपा प्रमुख मायावती ने हार की ठीकरा evm पर फोड़ते हुए कहा था कि evm मशीन में छेड़-छाड़ किया गया था. उसके बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी मायावती के बातों पर सहमती जताते हुए जाँच की मांग की. फिर कुछ दिन बाद evm के मुद्दे को लेकर वकील मनोहर लाल शर्मा के द्वारा सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई. हलांकि इस पर सुनवाई होना अभी बाकी है.
फिर से हाल ही में बसपा के तरफ से भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर evm के बजाय मतदान वैलेट पेपर से कराने की मांग की गई, साथ ही ये भी कहा गया कि अगर evm से ही चुनाव कराना है तो इसमें वीवी पैड का इस्तेमाल किया जाय, बहरहाल इस पर भी सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में लंबित है.
इन सब के बीच जब मध्यप्रदेश के भिंड का मामला सामने आया तो सभी राजनीतिक दलों ने बीजेपी पर फिर से evm में छेड़-छाड़ का आरोप लगाया जिसका असर राज्य सभा में भीं देखने को मिला. अब चुनाव आयोग ने सभी अटकलों को खारिज करते हुए कहा है कि भिंड में 31 मार्च को डेमो के दौरान इस्तेमाल किए गए evm और वीवीपीएटी में कोई छेड़छाड़ या विसंगित नहीं मिली है.
आपको बता दे कि शोशल मिडिया में ये खबर आई थी कि ‘‘डेमो’’ कार्यक्रम में कोई भी बटन दबाने पर वोट बीजेपी को ही मिल रहा थाा.इस मुद्दे पर आयोग ने कहा कि डेमो के दौरान मशीन ‘बीयू’ के चार बटन दबाए गए पहले बटन का चिह्न ‘‘हैंडपंप’’ था जबकि दूसरे बटन का ‘‘कमल’’, तीसरे बटन का चिह्न एक बार फिर ‘‘हैंडपंप’’ और चौथे बटन का चिह्न ‘‘हाथ’’ था. इलेक्शन कमीशन का कहना है कि यह कहना पूरी तरह से गलत है कि डेमो के दौरान अलग अलग बटन दबाने पर भी कमल की पर्ची ही प्रकाशित हुई. यह चूक evm मशीनों में यूपी के कानपुर के गोविंद नगर विधानसभा क्षेत्र के पहले से दर्ज आंकड़ों को नहीं हटाए जाने से संबंधित है. जहां evm नहीं बल्कि वीवीपीएटी प्राप्त किए गए थे. यहां डेमों के पहले उसमे डम्मी प्रत्याशियों के चुनाव चिह्न तथा आंकड़े लोड किए गए थे. अब देखना होगा कि इस बयान के बाद राजनीतिक दलों के क्या प्रतिक्रियाएं सामने आती है.
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ये है पूरा रिपोर्ट किसने क्या कहा था….
इनसब के बीच ताजा मामला मध्यप्रदेश भिंड से है, जहां दो विधानसभा सीटों पर 9 अप्रैल को उपचुनाव होना है. इसको लेकर जब evm मशीनों की जाँच की गई तो बटन किसी पार्टी का दबावों वोट बीजेपी के खाते में जाते दिखा, ऐसा कहना है कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंग का, उनके मुताबिक मशीनों का उपयोग उतरप्रदेश चुनाव के दौरान भी किया गया था.
-इसे कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने शेयर करते हुए लिखा, ‘उप्र में उपयोग की गईं मशीनों का कमाल. मप्र के अटेर उप चुनाव में राज्य चुनाव आयुक्त के सामने बटन दबाने पर कमल को वोट।’ – { जनसत्ता रिपोर्ट}
– दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने लिखा, ‘बटन कोई भी दबाओ, वोट कमल को पड़ेगा…पर्ची में कुछ भी आए, प्रेस में नहीं आना चाहिए… नहीं तो पत्रकार को थाने में बिठा देंगे। लोकतंत्र खत्म.’-{ जनसत्ता रिपोर्ट}
– कहा जा रहा है कि ईवीएम के साथ जो VVPAT की मशीन लगी थी उसमें वोट डालने पर वह भाजपा की पर्ची निकली थी.
– अब चुनाव आयोग ने भिंड जिले के जिला मजिस्ट्रेट और एसपी पद के लिए नए नामों के सुझाव मांगे हैं. यह आदेश उन रिपोर्टों के आने के बाद लिया गया जिसके तहत यह बात सामने आई कि VVPAT वाली मशीनों में बटन दबाते ही बीजेपी के कमल के निशान की पर्चियां निकल रही हैं- एंडी टीवी.
– evm मुद्दे में सबसे बड़ी बात ये है कि एक ट्वीट इस प्रकार है जो बड़े धांधली के तौर पर दर्शता है:- भिंड में EVM का जो मामला सामने आया है यही मशीन UP चुनाव में इस्तेमाल की गयी। सत्यदेव कोई और नहीं योगी सरकार के मंत्री है. अब देखना होगा की इस खुलासे के बाद उतर-प्रदेश में विधानसभा चुनाव पर क्या प्रतिक्रिया आता है.
हैरान मत होइएगा
भिंड में EVM का जो मामला सामने आया है यही मशीन UP चुनाव में इस्तेमाल की गयी। सत्यदेव कोई और नहीं योगी सरकार के मंत्री है। pic.twitter.com/cLm6VLjbHI
— Neha Bagga (@BaggaNeha) April 2, 2017
Indeed very alarming & grievous matter..Extremely dangerous for the health of democracy https://t.co/CYYx12Qn61
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) April 3, 2017
Do see this video. Do elections have any meaning left? https://t.co/ihl0abOfK1
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) March 31, 2017
बटन कोई भी दबाओ, वोट कमल को पड़ेगा…पर्ची में कुछ भी आए, प्रेस में नहीं आना चाहिए… नहीं तो पत्रकार को थाने में बिठा देंगे। लोकतंत्र खत्म। https://t.co/Znc5RKOHVS
— Manish Sisodia (@msisodia) April 1, 2017
There should be an inquiry after electronic voting machines in Madhya Pradesh were only dispensing BJP slips. pic.twitter.com/VIpxQBVi9a
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) 1 अप्रैल 2017
-गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने पहले ही इन सभी आरोपों को बेबुनीयादी करार दिया है. आयोग का कहना है की evm में छेड़-छाड़ करना मुमकिन नही है.