नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर में लगातार बिगड़ रहे हालात के बीच आज मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. महबूबा आज सुबह प्रधानमंत्री आवास 7 लोक कल्याण मार्ग पहुंचीं और यहां दोनों नेताओं के बीच मुलाकात हुई. सभी की निगाहें इस बैठक पर थीं और इसे बीजेपी-पीडीपी गठबंधन के लिए बेहद अहम माना जा रहा है. इस बैठक में दोनों के बीच कश्मीर में मौजूदा हालात पर बात हुई. इसके बाद महबूबा गृह मंत्री राजनाथ सिंह से भी मुलाकात करेंगी.
दोनों के बीच करीब आधे घंटे मुलाकात हुई. मुलाकात के बाद महबूबा ने कहा कि पीएम से कई मुद्दों पर बातचीत हुई. पत्थरबाजी पर उनसे बात हुई. उपचुनाव में कम मतदान भी पीएम से बातचीत हुई. हमने सिंधु जल संधि का भी मुद्दा पीएम के सामने रखा. इससे जम्मू कश्मीर को हर साल 30 हजार करोड़ का नुकसान हो रहा है.
उन्होंने कहा कि पत्थरबाजी के लिए युवाओं को भड़काया जा रहा है. विदेशों से सोशल मीडिया के जरिए ऐसा किया जा रहा है. कुछ युवा असंतुष्ट हैं इसलिए पत्थरबाजी में शामिल हैं. वाजपेयी जी की कोशिशों को आगे ले जाने की जरूरत है. जहां वाजपेयी जी छोड़ गए थे वहां से आगे बढ़ने की जरूरत है. हुर्रियत से बातचीत आगे बढ़ाई जानी चाहिए. राष्ट्रपति शासन के सवाल पर महबूबा ने कहा- मुझसे नहीं ये केंद्र से पूछो.
पीडीपी-बीजेपी गठबंधन में सब कुछ सही नहीं चल रहा है. एक तरफ जहां पीडीपी नरम रुख अख्तियार किए हुए है, वहीं बीजेपी की तरफ से लगातार सख्त बयान आए हैं. जहां महबूबा अलगाववादियों पर नरमी बरतने और पाकिस्तान से बातचीत की हिमायती हैं, तो वहीं बीजेपी का स्टैंड बेहद सख्त रहा है. दोनों के अलग-अलग रुख ने एक दूसरे के लिए मुश्किलें खड़ी की हैं.
अशांति का आलम ये रहा कि श्रीनगर लोकसभा उप चुनाव में महज 7 फीसदी ही वोटिंग हुई. इस दौरान व्यापक पैमाने पर हिंसा हुई और 8 लोगों की मौत हो गई. सबसे ज्यादा हिंसा प्रभावित क्षेत्र रहा बडगाम. यहां दोबारा वोटिंग होने पर महज दो फीसदी ही वोटिंग हुई. कश्मीर के इतिहास में ये सबसे कम वोटिंग रही.
पत्थरबाजी से बिगडे़ हालात
कश्मीर में पिछले कुछ समय से हालात लगातार बिगड़ रहे हैं. सेना पर पत्थरबाजी की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है. हालात ये हैं कि स्कूली छात्र भी इसमें शामिल हो गए हैं. करीब एक हफ्ते बंद रहने के बाद आज स्कूल-कॉलेज खुल रहे हैं. पिछले दिनों पुलवामा के एक प्राइवेट स्कूल में सेना की सख्त कार्रवाई के विरोध में छात्र पत्थरबाजी पर उतर आए थे.
वीडियो ने भड़काई आग
इसी दौरान दो वीडियो ने हालात को और बिगाड़ने का काम किया. पहले वीडियो में कुछ युवक चुनाव ड्यूटी के दौरान जवानों से बदसलूकी, उन्हें लात-थप्पड़ मारते नजर आए. इसने देश भर के लोगों को गुस्से से भर दिया. इसके कुछ दिन बाद पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने एक वीडियो ट्वीट किया जिसमें दिख रहा था कि जवान एक आर्मी ट्रक के आगे एक कश्मीरी नौजवान को बांधकर ले जा रहे हैं. बाद में सेना ने सफाई दी कि उसने अपनी सुरक्षा के लिए ऐसा किया था.