पत्‍नी का सम्‍मान आपको दिलाएगा मान
पति-पत्‍नी के रिश्‍ते में खट्टी-मीठी नोंकझोंक होना आम बात है। यह लड़ाई और नाराजगी तभी तक जायज है, जब वह एक निश्‍चित सीमा में हो। पत्‍नी से झगड़ा करके उसकी बेइज्‍जती करना आपको काफी भारी पड़ सकता है। एस्‍ट्रोलाजर्स की मानें तो, महिलाएं घर की संपत्ति अर्थात लक्ष्मी का रूप होती हैं। जिस घर में महिलाओं का सम्मान नहीं होता, वहां लक्ष्‍मी का निवास नहीं होता। परिवार को समृद्ध व खुशहाल बनाने के लिए पत्नियों की तरह पतियों की भी बहुत खास भूमिका होती है। अगर दोनों मिलकर कोशिश करते हैं तभी परिवार में सुख-शांति बनी रह सकती है। जहां सुख-शांति है वहीं धन और खुशहाली का निवास होता है।

शुक्र ग्रह की मंद चाल, पति को न कर दे कंगाल
ज्‍योतिषशास्‍त्र के मुताबिक, पति-पत्‍नी के खुशहाल रिश्‍ते की असल वजह उनके ग्रह हैं। शुक्र पुरुष की कुंडली और गुरु स्त्री की कुंडली में दांपत्य का कारक है। शुक्र रोमांस व सम्मोहक पहलुओं का द्योतक है। यह लैंगिक सौहार्द, अनुरक्ति, विवाह, वंशवृद्धि, शारीरिक सौंदर्य और प्रेम का कारक है। यदि पुरूष की कुंडली में शुक्र अशुभ चल रहा है तो उसकी आर्थिक स्थिति और स्वास्थ्य से संबंधित समस्याएं चलती रहेंगी।

ऐसा है शुक्र का प्रभाव
शुक्र के विशेष प्रभाव से जातक जीवनभर सुखी रहता है। शुक्र अपने प्रभाव से जातक को मकान और वाहन आदि का भी सुख देता है। सम्पूर्ण भोग विलास की चीजों का क्षेत्राधिकार ग्रहो में शुक्र ग्रह को प्राप्त हैं। शुक्र की चमक एवं शान अन्य ग्रहो के अलग व निराली है। शुक्र की आराधना कर शुक्र को बलवान बनाकर सुख व ऐश्वर्य पाया जा सकता है। शुक्र ग्रह से प्रभावित युवतियां प्रतियोगिता में जीत दर्ज करती हैं। कुछ ग्रह ऐसे भी होते हैं जो कुछ दूर तक तो युवतियों का सहयोग करते हैं, लेकिन जैसे ही दूसरे प्रतिभागियों के ग्रह भारी पड़ते हैं, कमजोर ग्रह वाली युवतियां पिछड़ने लगती है।

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