रांची : कुरमी/कुड़मी को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मांग पर आहूत झारखंड बंद को पुलिस और प्रशासन ने बेअसर कर दिया. रांची, पलामू, गढ़वा, लोहरदगा, चतरा, गुमला, सिमडेगा और धनबाद में बंद पूरी तरह फ्लॉप रहा.नावाडीह में कुड़मी संघर्ष मोर्चा की बंदी का व्यापक असर देखा गया. देवी कॉलेज के पास बंद समर्थकों ने डुमरी-बेरमो मुख्य पथ को जाम कर दिया. इससे सड़क पर दोनों ओर वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लग गयीं. बोकारो के चंद्रपुरा में बंद समर्थक सड़कों पर उतरे और दुकानें बंद करवा दी. यहां बंद का व्यापक असर देखा गया.कुछ जगहों पर बंद समर्थकों ने सड़क पर खाना बनाकर विरोध प्रदर्शन किया. राज्यभर के कुड़मी आदिवासी बहुल ग्रामीण इलाकों में समाज के लोग पारंपरिक हथियार और ढोल-नगाड़ों के साथ बंद कराने सड़क पर उतरे. बंद समर्थकों ने रांची-मुरी लाइन पर एक ट्रेन को गंगा घाट स्टेशन के पास कुछ देर के लिए बाधित कर दिया.सोमवार सुबह राजधानी रांची में अल्बर्ट एक्का चौक पर प्रदर्शन करने आये कुड़मी समाज के लोगों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया. कांके चौक से भी कई बंद समर्थकों को हिरासत में लेकर कैंप जेल भेज दिया गया. कुड़मी विकास मोर्चा (टोटेमिक) के प्रमुख शीतल ओहदार ने माना कि शहरी क्षेत्र में बंद उतना प्रभावी नहीं रहा, लेकिन जिला मुख्यालयों से सटे ग्रामीण इलाकों में बंद असरदार रहा. उन्होंने दावा किया कि पूरे झारखंड में कुड़मी समाज के 5,000 से अधिक लोगों ने गिरफ्तारी दी.