एजेंसी
नयी दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों और अलगाववादी समूहों को धन मुहैया कराने के मामले में जेकेएलएफ प्रमुख यासीन मलिक को बुधवार को दिल्ली की अदालत में पेश किया। मलिक को विशेष न्यायाधीश राकेश स्याल की अदालत में पेश किया गया।
कोर्ट ने यासीन मलिक को 22 अप्रैल तक एनआइए की हिरासत में भेज दिया है। आपको बता दें कि एनआईए की विशेष अदालत के जांच एजेंसी को उसे हिरासत में लेकर पूछताछ करने का आदेश देने के बाद मलिक को मंगलवार शाम राष्ट्रीय राजधानी लाया गया था।
जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) प्रमुख को पुलिस संरक्षा में तिहाड़ जेल ले जाया गया। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने फरवरी में भी उसे एहतियाती तौर पर हिरासत में लेकर जम्मू जेल में स्थानांतरित कर दिया गया था।
जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय ने सीबीआइ की तीन दशक पुराने उस मामले पर दोबारा सुनवाई करने वाली याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसमें मलिक आरोपी है।

22 अलगाववादियों समेत 919 लोगों की सुरक्षा वापस

सरकार को मिले 2768 जवान और 389 वाहन

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में बीते दिनों अलगाववादी नेताओं समेत तमाम लोगों से सुरक्षा वापस लेने के बाद अब राज्य पुलिस को 2700 से अधिक पुलिसकर्मी वापस मिल गये हैं। अब तक यह पुलिसकर्मी अलग-अलग लोगों की सुरक्षा ड्यूटी में तैनात थे, जो कि अब आम लोगों की सुरक्षा के लिए विभिन्न इलाकों में भेजे जाएंगे। इसके अलावा सुरक्षा वापसी के कारण पुलिस विभाग को 389 ऐसे वाहन भी वापस मिले हैं, जो कि अब तक अलग-अलग लोगों के काफिले में सुरक्षा के लिहाज से शामिल रहते थे। बुधवार को केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय ने इस संबंध में जानकारी देते हुए यह आंकड़े जारी किये हैं। गृह मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है,’जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू होने के बाद कुल 919 अपात्र लोगों की सुरक्षा वापस ली गयी है। इन लोगों में 22 प्रमुख अलगाववादी भी शामिल हैं, जिनसे बीते दिनों सुरक्षा वापस मांग ली गयी थी। सुरक्षा वापसी के निर्णय के बाद केंद्र सरकार को 2768 पुलिसकर्मी और 389 वाहन वापस मिले हैं। अब इन सभी का इस्तेमाल राज्य की सुरक्षा व्यवस्था को और प्रभावी बनाने की दिशा में किया जायेगा।’

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