वाराणसी : यूपी की चर्चित संसदीय सीट वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ समाजवादी पार्टी-बीएसपी गठबंधन ने अपना प्रत्‍याशी बदल दिया है। सोमवार को नामांकन दाखिल करने के आखिरी दिन समाजवादी पार्टी के उम्‍मीदवार को लेकर काफी देर तक सस्‍पेंस बना रहा। एसपी की पूर्व घोषित प्रत्‍याशी शालिनी यादव और बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव ने समाजवादी पार्टी के प्रत्‍याशी के तौर पर पर्चा दाखिल किया। हालांकि बाद में पार्टी ने स्‍पष्‍ट किया कि तेज बहादुर यादव ही पीएम मोदी के खिलाफ उनके प्रत्‍याशी होंगे और शालिनी यादव बाद में अपना नामांकन वापस लेंगी।

इससे पहले एसपी के प्रदेश प्रवक्‍ता मनोज राय धूपचंडी बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव के साथ पर्चा दाखिल कराने पहुंचे। धूपचंडी ने दावा किया कि तेज बहादुर पार्टी के प्रत्‍याशी होंगे। धूपचंडी ने कहा कि पीएम मोदी के खिलाफ वाराणसी में बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव एसपी के प्रत्याशी होंगे। उन्‍होंने कहा कि एसपी की अब तक घोषित प्रत्याशी शालिनी यादव अपना नामांकन पत्र वापस ले लेंगी।

‘पीएम मोदी को आईना दिखाने के लिए मैदान में’
तेज बहादुर यादव ने हाल ही में दावा किया था कि करीब दस हजार पूर्व सैनिक वाराणसी आकर असली चौकीदार के पक्ष में और नकली चौकीदार (पीएम मोदी) के खिलाफ घर-घर प्रचार करेंगे। उन्होंने कहा था, ‘मैं हार-जीत के लिए नहीं, बल्कि पीएम मोदी को आईना दिखाने के लिए चुनाव मैदान में उतरा हूं। जनता को बताऊंगा कि सैनिकों का हितैषी होने का दावा करने वाले पीएम मोदी ने सैनिकों से किया गया एक भी वादा पूरा नहीं किया है। पूर्व सैनिक घर-घर जाकर बताएंगे कि मोदी जी ने सैनिकों का क्‍या हाल कर रखा है। सच्‍चाई पता चलने पर पब्लिक हमारे साथ खड़ी होगी।’

कौन हैं तेज बहादुर यादव
तेज बहादुर ने 2017 में बीएसएफ में मिल रहे खाने को घटिया बताते हुए विडियोज बनाए थे। सोशल मीडिया पर आने के बाद वे सभी विडियोज वायरल हो गए थे, जिसके बाद तेज चर्चा में आ गए। इस मामले की जांच हुई, जिसके बाद तेज बहादुर को उनको बर्खास्त कर दिया गया। जनवरी, 2019 में तेज बहादुर के 22 साल के बेटे की संदिग्‍ध स्थितियों में मौत हो गई थी। वह अपने कमरे में बंदूक के साथ मृत पाया गया था।

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