रांची : झारखंड में धीरे धीरे कोरोना ने पैर पसारना शुरू कर दिया है . आपको बता दे कि झारखण्ड में कोरोना वायरस से एक और मौत हो गई है। एक 60 वर्ष के व्य क्ति की मौत रविवार सुबह हो गई। खास बात यह है कि उसकी पत्नी भी कोरोना मरीज है। डॉक्टमर महिला मरीज की लगातार निगरानी कर रहे हैं। सांस लेने में परेशानी के कारण व्योक्ति की स्थिति काफी गंभीर हो गई थी। गुरुवार देर रात उसे वेंटिलेटर पर रखा गया था। पूरा परिवार रिम्स के आइसोलेशन में भर्ती है। पत्नी, बेटा, पिता समेत 5 लोग कोरोना से संक्रमित हैं। बहू और एक 3 साल के नाती की रिपोर्ट नेगेटिव आयी थी। लेकिन वे भी रिम्स में ही 14 दिन क्वारांटाइन के लिए भर्ती हैं।
झारखण्ड में अब तक इसकी चपेट में कुल 17 लोग आ चुके हैं। वहीं राज्य में इस महामारी से मरने वालों की संख्या बढ़कर 2 हो गयी है। रविवार को रांची के एक शख्स की इस वायरस की वजह से जान चली गयी। वह कोरोना पॉजिटिव था और रिम्स में इलाज के लिए भर्ती था। संक्रमित होने के बाद से वह वेंटिलेटर पर था। मृतक रांची के हिंदपीढ़ी का रहने वाला बताया जा रहा है। यह शख्स 60 साल का था। मृतक, राज्य में जो दूसरी महिला संक्रमित पायी गयी थी, उसका पति है।
इससे पहले झारखंड के बोकारो जिले में एक 72 वर्ष के शख्स की मौत हो गयी थी। उसमें कोरोना संक्रमण के लक्षण पाये जाने के बाद उसे बीजीएच में भर्ती कराया गया था। जहां उसका इलाज चल रहा था। मृतक बोकारो जिला के गोमिया प्रखंड के दलाल टोला का रहने वाला था। बताया जा रहा है कि शख्स को सर्दी-खांसी की शिकायत के बाद इलाज के लिए भर्ती कराया गया था। उसकी कोरोना संक्रमण की जांच की गयी थी और उसका रिपोर्ट पॉजिटिव पाया गया है। इधर, शनिवार देर रात तक 92 और मामले जांच के लिए भेजे गए थे। इसमें 91 मामले नेगेटिव पाए गए। एक मामला दोबारा जांच के लिए भेजा गया है। कोरोना से दूसरी मौत के बाद उनके बेटों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया है। 26 वर्षीय बेटा मो. वसीम ने आरोप लगाते हुए कहा कि रिपोर्ट आने के बाद पिता की स्थिति गंभीर हो गई थी और उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। डॉक्टर से जब भी पिता की स्थिति पूछी जाती थी तो कभी भी समय पर वर्तमान स्थिति नहीं बताई जाती थी। सुबह पूछने पर डॉक्टर शाम को स्थिति बताते थे और रात में पूछने पर सुबह स्थिति बताते थे। उन्होंने कहा कि परिवार के बाकी सदस्य भी रिम्स में ही भर्ती हैं। ऐसे में किसी तरह सुपुर्द ए खाक की अनुमति दी जाए। इधर रिम्स में ही भर्ती कोरोना मरीज 54 वर्षीय महिला की स्थिति भी गंभीर बताई जा रही है। पति के मौत की खबर सुनने के बाद स्थिति लगातार बिगड़ने लगी है। क्रिटिकल केयर के डॉक्टर लगातार देख रेख कर स्थिति नियंत्रण की कोशिश कर रहे है। बता दें कि गुरुवार को ही महिला का डायलिसिस किया गया था, जिसके बाद उसकी स्थिति में थोड़ा सुधार हुआ था। अब पति की मौत की खबर से स्थिति फिर खराब हो गई है।
हालाँकि झारखण्ड सरकार के मुख्यमन्त्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि राज्य में स्थिति बिगड़ सकती है लेकिन जनता को सचेत रहने की आवश्यकता है. पुरे देश के कुछ राज्यों में लॉक डाउन की स्थति बढ़ाने की घिश्ना हो गयी है लेकिन अब तक झारखण्ड सरकार की ओर से ऐसा कोई निर्देश नही आया है. ज्ञात है की 14 अप्रैल तक झारखण्ड में लॉक डाउन लागू है उसके बाद की स्थति केंद्र सरकार के निर्देश पर निर्भर हो सकती है. दूसरी ओर, दोपहर के वक्त झारखंड की राजधाानी रांची स्थित रातू रोड के कब्रिस्तान में कोरोना वायरस से मरे व्यक्ति को दफनाने पहुंची मेडिकल और पुलिस टीम को काफी विरोध का सामना करना पड़ा. रांची के हिंदपीढ़ी का व्यक्ति चूंकि मुसलिम था, इस कारण उनको दफनाया जा रहा था. मुसलिम समुदाय के रीति के मुताबिक, उनका अंतिम संस्कार करने केलिए टीम पहुंची. लोगों ने पुलिस का जोरदार विरोध कर दिया और कहा कि मृतक को दफनाया नहीं जाये अपितु अंतिम संसकार किया जाये यानी जलाया जाये. दफनाने से वायरस फैलने का खतरा है.सूचना मिलते ही पुलिस के आला अधिकारी पहुंचे है और लोगों को समझाने का प्रयास कर रहे है कि शव का अंतिम संस्कार कब्रिस्ताान में ही करने दिया जाये