पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह से लेकर कई राज्यों के मुख्यमंत्री पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को फोन कर रहे हैं। सबकी मांग जूट की बोरी है।
पश्चिम बंगाल ही जूट की बोरी का निर्यातक राज्य है। यहां से जूट की बोरियां विदेशों में भी निर्यात होती हैं। जूट की बोरी और बोरे का उपयोग अनाज रखने के लिए किया जाता है। रबी की फसल पकने के बाद तैयार गेंहू भी जूट की बोरी में ही रखा जाता है। ममता बनर्जी की परेशानी भी कम नहीं है। चाहकर भी वह किसी की मदद नहीं कर पा रही हैं।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री का रटा रटाया जवाब है कि लॉकडाउन चल रहा है। इसके कारण जूट उद्योग बंद है। न तो जूट उद्योग कच्चा माल इकट्ठा कर पाया है और न ही कंपनियों के पास बोरी या बोरे की आपूर्ति करने की स्थिति ही है।
पश्चिम बंगाल की ही मांग पूरा हो पाने के आसार कम हैं। बताते हैं ममता बनर्जी ने फिलहाल देश की आपात स्थिति और जरूरत को देखते हुए जूट कंपनियों को बोरी या बोरे तैयार करने के अनुमति देना शुरू कर दिया है। माना जा रहा है कि अगले कुछ सप्ताह में यह कमी पूरी हो सकेगी।