आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। पूरे देश में कोरोना वायरस को लेकर लॉकडाउन चल रहा है। इसने अर्थव्यवस्था को बेपटरी कर दिया है। कइयों के रोजगार छिन गये हैं, तो कई परिवारों के सामने फाकाकशी की नौबत है। झारखंड में कोई भी व्यक्ति भूखा न रहे, किसी को राशन की कमी न हो, जरूरी चीजें मिलें, यह सुनिश्चित मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कराना चाह रहे हैं। इसी कड़ी में 4562 पंचायत मुख्यालयों में मुख्यमंत्री दीदी किचेन की शुरूआत रविवार से की गयी है। पहले दिन एक लाख 22 हजार 774 लोगों ने खाना खाया। सीएम चाहते हैं कि इस व्यवस्था को गारंटी के साथ चलाया जाये, ताकि सभी लाचारों और जरूरतमंदों को भोजन उपलब्ध कराया जा सके। बेहतर सुझाव के लिए मुख्यमंत्री ने राज्य के सभी जनप्रतिनिधियों जिनमें सांसद, विधायक, मुखिया, नगर निगम के प्रतिनिधियों को पत्र भेजा गया है। सीएम ने इनसे अनुरोध किया है कि वे अपने-अपने क्षेत्र में चलाये जा रहे सभी राहत कार्याें का पर्यवेक्षण करें और मार्गदर्शन करें, ताकि सभी जरूरतमंदों को भोजन उपलब्ध कराया जा सके। सीएम ने जनप्रतिनिधियों से आह्वान किया है कि आइये हम सब मिलकर इस संकट की घड़ी में सभी की मदद करें। सहयोग के अलावा उन्होंने सुझाव भी मांगा है। उपायुक्तों को भेजे गये पत्र में अलग-अलग जनप्रतिनिधियों की पत्र की प्रति भी लगायी गयी है, जिसमें कहा गया है कि सांसदों और विधायकों की अनुशंसा पर हर जरूरतमंद को खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाये। सीएम ने लिखा है कि लॉकडाउन के कारण झारखंड के बाहर से लाखों मजदूर वापस आ गये हैं। दिहाड़ी मजदूरों और गरीबों के सामने जीविका का संकट उत्पन्न हो गया है। सरकार की जवाबदेही है कि वह अपने नागरिक के जीवन की रक्षा करे। झारखंड सरकार ने जो कदम उठाये हैं, उसमें आपदा निधि से स्वास्थ्य विभाग को 25 करोड़ की राशि दी गयी है। हर एक जिला के उपायुक्त को 50-50 लाख रुपये दिये गये हैं। हर एक मुखिया को 10-10 हजार रुपये, राज्य के सभी नगर निकायों के प्रत्येक वार्ड को 10-10 हजार रुपये की राशि उपलब्ध करायी गयी है। झारखंड में 342 स्थानों में पुलिस की मदद से कम्यूनिटी किचेन शुरू किया गया है। 875 दाल-भात केंद्र खोले गये हैं। इसमें 388 केंद्रों पर खिचड़ी दी जा रही है। 498 विशेष दाल-भात केंद्रों को शुरू किया गया है, जिसमें लॉकडाउन तक हर केंद्र से 200 लोगों को मुफ्त भोजन उपलब्ध कराया जायेगा। सरकार लॉकडाउन के दौरान आकस्मिक आहार राहत पैकेट भी उपलब्ध करा रही है। इसमें दो किलो चूड़ा, आधा किलो गुड़, आधा किलो चना दिया जा रहा है। रांची जिला को 5000 पैकेट एवं अन्य सभी जिलों को 2000-2000 पैकेट उपलब्ध कराये गये हैं। राज्य के 48 लाख राशन कार्डधारक और नौ लाख अंत्योदय परिवार को अप्रैल और मई माह का अग्रिम राशन दे दिया गया है। राशन कार्ड के लिए आवेदन करनेवाले सात लाख लोगों को चिह्नित किया गया है, जिन्हें राशन कार्ड नहीं मिला है। इन्हें 10-10 किलो चावल दिया गया है। अप्रैल तक की सभी पेंशन की राशि जारी कर दी गयी है। क्वाारेंटाइन केंद्रों और जगह-जगह बन रहे रिलीफ केंद्रों में भी भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। राज्य के बाहर फंसे मजदूरों को राहत पहुंचाने के लिए राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम में 10 हेल्पलाइन नंबर चालू किया गया है, जिसमें एक साथ 40 लोग कॉल कर सकते हैं। सीएम ने यह पत्र सभी जनप्रतिनिधियों के अलावा राज्य के सभी उपायुक्तों को भी भेजा है। सीएम की मंशा साफ है कि झारखंड वासियों को किसी तरह की कोई कठिनाई
न हो।
आइये हम सब मिलकर संकट की घड़ी में जरूरतमंदों की मदद करें : हेमंत
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