सरायकेला : भले केंद्र सरकार की ओर से कल जारी हेल्थ बुलेटिन राहत भरा हो सकता है, लेकिन झारखंड के लिए फिलहाल स्थिति सामान्य नहीं कहा जा सकता. कल भी रांची के हिंदपीढ़ी से तीन संदिग्धों के पोजेटिव रिपोर्ट आने के बाद पूरे राज्य में हड़कंप मचा हुअ है, लेकिन सरायकेला- खरसावां जिले के आदित्यपुर, आरआईटी और गम्हरिया थाना क्षेत्र के लोग लॉकडाउन को अभी भी हल्के में लेरहे हैं. जहां सुबह के वक्त लोग सड़कों पर इस तरह से निकल रहे हैं, मानों कोरोना मेला लगा हुआ है. इस दौरान सड़कों पर पुलिस की तेनाती तो रहती है, लेकिन उनका खौफ आम लोगों में नहीं के बराबर रहता है.
टाटा- कांड्रा मुख्य मार्ग पर खरकई पुल के समीप बैरियर पर बेरोकटोक गाड़ियों की आवाजाही रहती है. वैसे पुल के दोनों तरफ बैरियर औऱ दंड़ाधिकारी के साथ पुलिसकर्मी भी तैनात रहते हैं,, लेकिन किसी की कड़ाई से जांच नहीं की जाती है. स्वास्थ्यकर्मी मौजूद रहते हैं, लेकिन किसी का भी जांच करते हुए नजर नहीं आते. यहीं हाल कॉलोनियों और स्लम बस्तियों का भी है. यहां तो लॉकडाउन का अर्थ कोई समझने को तैयार नहीं. ऐसे में कोरोना के खिलाफ जारी जंग को जीतना कैसे संभव होगा. वैसे उपरवाले का लाख- लाख शुक्र है कि जमशेदपुर और सरायकेला जिला अभी ग्रीन जोन की और बढ़ रहा है, लेकिन थोड़ी सी नादानी और नासमझी कहीं प्रलय का करण नहीं बन जाए. इतने दिनों तक दोनों जिलों के लोगों ने संयम का परिचय दिया, थोड़ा संयम और जरूरी है. पुलिस प्रशासन अपना काम इमानदारी के कर रही है, इसमें कहीं से कोई संदेह नहीं, लेकिन जो हालात सामने आ रहे हैं, सख्ती बेहद जरूरी है. जमशेदपुर में केस के डर से लोग घरों से कम निकल रहे हैं, लेकिन सराकेला जिले के लोगों के अंदर प्रशासनिक भय नहीं दिख रहा है.