सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है कि देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे प्रवासी मजदूरों को उनके घर भेजने की क्या योजना है। जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस संजय किशन कौल व जस्टिस वीआर गवई की पीठ ने गृह मंत्रालय को एक हफ्ते में स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। याचिकाकर्ता जगदीप एस छोकर व वकील गौरव जैन ने याचिका दायर कर कोर्ट से गुहार लगाई है कि कोरोना जांच के बाद प्रवासी मजदूरों को उनके गृह राज्यों में भेजने का प्रबंध किया जाए।

वीडियो कांफ्रेंसिंग से हुई सुनवाई में याचिकाकर्ताओं के वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि प्रवासी मजदूरों के मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा है। मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि 90% प्रवासी मजदूरों को राशन और जरूरी सामान नहीं मिल पाया है। इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, वह रिपोर्ट गलत है। उन्होंने कहा कि केंद्र इस मामले में राज्यों से लगातार संपर्क में है।

 

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