आजाद सिपाही संवाददाता
नयी दिल्ली। देशभर में मेडिकल आॅक्सीजन का संकट बढ़ता ही जा रहा है। समय पर आॅक्सीजन न मिलने के चलते बड़ी संख्या में कोरोना मरीजों की मौत हो चुकी है। केंद्र सरकार ने इससे निपटने के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं, तुरंत राहत के तौर पर 50 हजार मीट्रिक टन मेडिकल आॅक्सीजन के इंपोर्ट करने का फैसला किया गया है। केंद्र सरकार के इंपॉवर्ड ग्रुप-2 (इजी-2) की बैठक में यह फैसला लिया है। बैठक में यह भी तय हुआ कि पीएम केयर्स फंड की मदद से देशभर में 100 नये अस्पतालों में आॅक्सीजन प्लांट लगेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर के अस्पतालों में आॅक्सीजन के संकट को देखते हुए अफसरों के साथ बैठक की। उन्होंने मेडिकल आॅक्सीजन प्रोडक्शन की क्षमता और अन्य मेडिकल इक्यूपमेंट्स की उपलब्धता को लेकर अफसरों को निर्देश दिये।
इन 12 राज्यों में ज्यादा संकट
दिल्ली में गुरुवार को हुई इजी-2 की बैठक में उन राज्यों के हालात को लेकर चर्चा हुई, जहां कोरोना के सबसे ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। उनमें महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान शामिल हैं। महाराष्ट्र में मेडिकल आॅक्सीजन की डिमांड राज्य में कुल आॅक्सीजन मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिटी से भी ज्यादा हो गयी है।

सीरम इंस्टीट्यूट के सीइओ ने बाइडेन से मांगी मदद
देश की सबसे बड़ी फार्मा कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट आॅफ इंडिया (एसआइआइ) के सीइओ अदार पूनावाला ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से मदद मांगी है। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखकर कहा कि अगर हम कोरोना के खिलाफ सचमुच गंभीर हैं तो रॉ मैटेरियल के निर्यात पर लगे प्रतिबंध को हटा दें। पूनावाला ने लिखा, ‘आदरणीय राष्ट्रपति अगर हम सचमुच वायरस को हराने को लेकर एकजुट हैं, तो अमेरिका के बाहर की वैक्सीन इंडस्ट्री के आधार पर मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि अमेरिका के बाहर रॉ मटेरियल्स के एक्सपोर्ट पर लगे प्रतिबंध को हटा दें, ताकि वैक्सीन का उत्पादन बढ़ाया जा सके। आपके प्रशासन के पास विस्तृत जानकारी है।”

Share.

Comments are closed.

Exit mobile version