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    Home»Jharkhand Top News»बेटी डॉक्टर डॉक्टर चिल्लाती रही, लेकिन उसके पिता की जान बचाने कोई डॉक्टर नहीं आया
    Jharkhand Top News

    बेटी डॉक्टर डॉक्टर चिल्लाती रही, लेकिन उसके पिता की जान बचाने कोई डॉक्टर नहीं आया

    azad sipahiBy azad sipahiApril 13, 2021Updated:April 13, 2021No Comments1 Min Read
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    महानगर के सदर अस्पताल में मंगलवार को एक कोरोना मरीज ने बेड न मिलने की दशा में अस्पताल की दहलीज पर ही दम तोड़ दिया। बताया गया है कि हजारीबाग जिले के पवन कुमार गुप्ता को उसके परिजन बेहतर इलाज के लिए रांची लेकर आए और विभिन्न अस्पतालों का चक्कर काटते रहे लेकिन उसे बेड नहीं मिला। इलाज के अभाव में उसने सदर अस्पताल की दहलीज पर ही दम तोड़ दिया। यहां एंबुलेंस से पहुंचने के बाद चिकित्सक भर्ती करने में हीला-हवाली कर रहे थे। इस बीच उसकी जान चली गई। बाद में चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

    इसके बाद पवन के परिजनों ने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना को काफी भला-बुरा कहा। परिजन चीख-चीख कर कह रहे थे कि आपको सिर्फ वोट लेने से मतलब है। जनता की जान की परवाह नहीं है। परिजन सदर अस्पताल की खराब व्यवस्था को लेकर भी काफी आक्रोशित थे। मरीज के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर आरोप लगाया अस्पताल कर्मियों की लापरवाही से मरीज की मौत हुई।

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