रांची सिविल कोर्ट में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। लोक अदालत की मुख्य अतिथि के रूप में ट्रांसजेंडर अमरूता अपरेश सोनी उपस्थित थी। राष्ट्रीय लोक अदालत का उदघाटन द्वीप प्रज्वलन कर किया गया, जिसमें मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी फहीम किरमानीं,निबंध-सह-न्यायिक दण्डाधिकारी मनीष कुमार, डालसा सचिव अभिषेक कुमार, सचिव,पैनल अधिवक्ता नित्यानंद और अभिषेक भारती संयुक्त रूप उपस्थित थे।
मौके पर मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी फहीम किरमानीं ने कहा कि कोरोना काल में उच्च न्यायालय के निर्देश पर व्यवहार न्यायालय रांची में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया है, ताकि वादकारी अपने वादों को निपटा सकें। इस वर्चुअल माध्यम से आयोजित होनेवाले राष्ट्रीय लोक अदालत में वादकारी वर्चुअल माध्यम से अपने वादों को सहजतापूर्वक निबटा सकते है।
लोक अदालत में ट्रांसजेंडर के लिए बेंच गठित की गयी है, जिससे कि उनको भी समाज में सम्मान मिले यह काबिल-ए-तारीफ है। उन्होंने कहा कि अमरूता अल्पेश सोनी अपने जीवन में काफी संघर्ष कर अपने मुकाम पर पहुंची हैं, वह किन्नर समाज को मुख्य धारा में जोड़ने के लिए प्रेरणा-श्रोत का काम कर रही है।
मौके पर ट्रांसजेंडर मुख्य अतिथि अमरूता अल्पेश सोनी ने कहा कि वह किन्नर, सेक्स वर्कर तथा वैसे लोग जिसे समाज तिरस्कार की भावना से देखती है, उनके साथ मिलकर काम करती है, जिससे कि उन्हें समाज में भी सम्मान मिले और उन्हें भी आगे बढ़ने की मार्ग प्रशस्त हो। उन्होंने कहा कि काफी मशक्कत और संघर्ष कर मैं अपने मुकाम तक पहुंची हूं। हमलोग किन्नर समाज से हैं, समाज हमें घृणा की दृष्टि से देखती हैं। झारखण्ड के सभी व्यवहार न्यायालयों में आयोजित होनेवाले लोक अदालत, राष्ट्रीय लोक अदालत में अगर किन्नर के लिए एक बैंच गठित हो तो किन्नर समाज को समाज में सम्मान मिलेगा, उन्हें भी लोग सम्मान की दृष्टि से देखेंगे।ट्रांसजेंडरों को भी समाज में एक सम्मान सम्मान मिलना चाहिए। इस अवसर पर ट्रांसजेंडर अमरूता अल्पेश सोनी बनी बेंच नम्बर 19 की सदस्य, जिसमें न्यायिक दंडाधिकारी मनीष कुमार सिंह, पैनल अधिवक्ता नित्यानंद अधिवक्ता भी सदस्य थे। बताया गया कि ट्रांसजेंडर के बेंच का सदस्य नामित करने का उद्देश्य हैं कि समाज में उन्हें बराबर का दर्जा मिले।
साथ ही साथ ट्रांसजेंडर, सेक्स वर्कर, अरबन स्लम में रहनेवाले लोग जिनके विरूद्ध अपराध होने पर उसकी रिपोर्टिंग हो सके तथा उन्हें न्याय दिलाने में डालसा सहयोग प्रदान कर सके। डालसा सचिव अभिषेक कुमार ने कहा कि वर्चुअल माध्यम से आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत के सफल आयोजन के लिए कुल 47 बैंचों का गठन किया गया है, जिसमें न्यायिक पदाधिकारियों के लिए कुल 29 तथा एक्जेक्यूटिव ऑफिसर के लिए कुल 18 बैंचों का गठन किया गया हैं। राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 2471 वादों का निष्पादन किया गया और 1,18,33,100(एक करोड़ अठारह लाख तैंतीस हजार एक सौ) रूपयों का निष्पादन विभिन्न वादों में किया गया।