आजाद सिपाही संवाददाता

रांची। सात सूत्री मांगों को लेकर आजसू ने गुरुवार को मोरहाबादी की बापू वाटिका से समाहरणालय तक न्याय मार्च निकाला। इस न्याय मार्च में आजसू के हजारों कार्यकर्ता शामिल हुए। आजसू ने डीसी राहुल कुमार सिन्हा को अपनी सात सूत्री मांगों का ज्ञापन सौंपा। इस दौरान सुदेश महतो ने झारखंड की वर्तमान हेमंत सोरेन सरकार पर जम कर हल्ला बोला। उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार का कार्यकाल पूरा होने को है, लेकिन यह सरकार अपने वादों को पूरा करने में असफल रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने अपने साढ़े तीन वर्षों के कार्यकाल में झारखंडी भावना, उम्मीद और जनादेश के साथ विश्वासघात किया है। जनता अब इन चीजों से ऊब चुकी है। सुदेश महतो ने कहा कि महागठबंधन की सरकार ने युवा, किसान, मजदूर, गरीब, बुजुर्ग सभी को ठगने का काम किया है। सरकार ने अपने कार्यकाल में न तो वैकेंसी निकाली,  न ही भर्ती परीक्षा ली गयी।  बेरोजगार युवाओं को बेरोजगारी भत्ता भी नहीं दिया गया, जबकि मुख्यमंत्री ने वादा किया था कि सत्ता में आते ही पहले साल पांच लाख यवाओं को नौकरी देंगे। पदों पर नियुक्तियां नहीं हुईं। सरकारी अधिकारी केवल अपनी जेब भरने का काम कर रहे हैं। चारों तरफ खनिज संपदा की लूट मची हुई है। वहीं आजसू नेता देवशरण भगत ने कहा कि बड़े पैमाने पर संसाधनों की लूट और भ्रष्टाचार के कारण राज्य का विकास अवरुद्ध हो रहा है। अराजकता की वजह से राज्य की छवि लगातार खराब हो रही है। बता दें कि आजसू पार्टी अप्रैल माह को सामाजिक न्याय महीना के रूप में मना रही है। इसके तहत कई कार्यक्रम आयोजित किये जाने हैं। आजसू के न्याय मार्च कार्यक्रम में भारी संख्या में महिला कार्यकर्ता शामिल हुईं। महानगर अध्यक्ष सीमा सिंह ने आरोप लगाया कि हेमंत सरकार महिलाओं को सुरक्षा देने में नाकाम रही है। इस सरकार के कार्यकाल में महिलाओं को न तो आरक्षण मिला और ना ही किसी भी प्रकार की सुविधा दी गयी। सीमा सिंह ने कहा कि आगामी चुनाव में आजसू पार्टी इस सरकार को उखाड़ फेंकने का काम करेगी।

आजसू की 7 सूत्री मांगें

खतियान आधारित स्थानीय और नियोजन नीति लागू करो,  जातीय जनगणना और पिछड़ों को आबादी के अनुसार आरक्षण सुनिश्चित करो,  पूर्व में जो जातियां अनुसूचित जनजाति की सूची में थीं, उन्हें पुन: अनुसूचित जनजाति में शामिल करो,  सरना धर्म कोड लागू करो, बेरोजगारों को रोजगार दो,  झारखंड के संसाधनों की लूट बंद करो, झारखंड आंदोलनकारियों को सम्मान दो।

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