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    Home»झारखंड»रांची»सिक्किम में हिमस्खलन, चीन बॉर्डर पर हुआ हादसा
    रांची

    सिक्किम में हिमस्खलन, चीन बॉर्डर पर हुआ हादसा

    मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दुख व्यक्त किया
    adminBy adminApril 4, 2023No Comments3 Mins Read
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    – सात टूरिस्ट की मौत, 22 को रेस्क्यू किया गया
    -रेस्क्यू किये गये लोगों में 11 की हालत गंभीर
    आजाद सिपाही संवाददाता
    रांची। सिक्किम की राजधानी गंगटोक में मंगलवार को हिमस्खलन (एवलांच) हुआ। इसमें सात टूरिस्ट की मौत हो गयी। मरनेवालों में चार पुरुष, दो महिलाएं और एक बच्चा शामिल है। यह घटना दोपहर करीब 12:20 बजे गंगटोक को नाथु ला दर्रे से जोड़ने वाले जवाहरलाल नेहरू मार्ग पर हुई। रेस्क्यू टीम ने 22 लोगों को बचाया है। इनमें से छह को गहरी घाटी से निकाला गया। रेस्क्यू किये गये लोगों में 11 की हालत गंभीर है। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

    14वें माइलस्टोन पर हुआ हादसा:
    नाथुला दर्रा चीन की सीमा पर स्थित है। प्राकृतिक सुंदरता के कारण पर्यटकों के लिए आकर्षक जगह है। आर्मी के सूत्रों के मुताबिक, जवाहरलाल नेहरू मार्ग पर 14वें पड़ाव पर हुए हिमस्खलन में 25-30 पर्यटक फंस गये थे। बॉर्डर रोड आॅर्गेनाइजेशन (बीआरओ) ने तेजी से रेस्क्यू आॅपरेशन शुरू करके 22 लोगों को बचाया है। इसमें छह पर्यटक गहरी घाटी से निकाले गये। करीब 350 लोग और 80 गाड़ियां सड़क बाधित होने के कारण नाथू ला पर फंसे हुए थे। जानकारी के मुताबिक हादसे वाले इलाके में 13वें माइलस्टोन तक जाने का पास जारी किया जाता है। इसके आगे जाने की परमिशन नहीं होती। बताया जा रहा है कि सैलानी जवाहरलाल नेहरू मार्ग पर 14वें माइलस्टोन तक चले गये और यहीं हादसा हो गया।

    हिमस्खलन की भविष्यवाणी संभव नहीं:
    अब तक वैज्ञानिक ये भविष्यवाणी करने में सक्षम नहीं हैं कि हिमस्खलन कब और कहां होगा। वे बस बर्फ के ढेर, तापमान और हवा की कंडीशन से हिमस्खलन के खतरे का अनुमान लगा सकते हैं। बर्फ में स्कीइंग वाले कुछ इलाकों में एवलांच कंट्रोल टीमें तैनात होती हैं। कुछ स्कीइंग वाले इलाकों के गश्ती दल हिमस्खलन रोकने के लिए विस्फोटकों का इस्तेमाल करते हैं। वे किसी भी खतरनाक ढलानों को तोप से उड़ा देते हैं, ताकि किसी ढीले या नये बर्फ के ढेर को हिमस्खलन बनने से रोका जा सके। कनाडा और स्विट्जरलैंड के ऊंचे पहाड़ों पर हिमस्खलन कंट्रोल के लिए स्पेशल मिलिट्री तैनात होती है। स्विट्जरलैंड में कई पहाड़ी गांवों में घरों को बर्फ के ढेर से बचाने के लिए मजबूत ढांचे लगाये जाते हैं।

    हिमस्खलन क्या होता है?
    बर्फ या पत्थर के पहाड़ की ढलान से तेजी से नीचे गिरने को हिमस्खलन या एवलांच कहते हैं। हिमस्खलन के दौरान बर्फ, चट्टान, मिट्टी और अन्य चीजें किसी पहाड़ से नीचे की ओर तेजी से फिसलती हैं। हिमस्खलन आमतौर पर तब शुरू होता है, जब किसी पहाड़ की ढलान पर मौजूद बर्फ या पत्थर जैसी चीजें उसके आसपास से ढीली हो जाती हैं। इसके बाद ये तेजी से ढलान के नीचे मौजूद और चीजों को इकट्टा कर नीचे की और गिरने लगती हैं। चट्टानों या मिट्टी के स्खलन को भूस्खलन कहते हैं।

    मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दुख व्यक्त किया
    सिक्किम की घटना को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दुख व्यक्त किया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि ‘सिक्किम के नाथुला में हिमस्खलन की चपेट में आने से कुछ लोगों की मृत्यु तथा कई लोगों के फंसे होने का दु:खद समाचार मिला है। परमात्मा दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान कर शोकाकुल परिवारजनों को दु:ख की विकट घड़ी सहन करने की शक्ति दे। हिमस्खलन में फंसे लोगों की शीघ्र कुशलता की कामना करता हंू।’

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